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RBI permits all banks to allow 3-month moratorium on EMI
नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण देश में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे गहरे असर को देखते हुए और लोगों के तनाव को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आज एक बड़ी घोषणा की है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कजै देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों को सावधिक कर्ज की किस्तों की वसूली पर तीन महीने तक रोक की छूट दी है। अब यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर निर्भर करेगा कि वो अपने उपभोक्ताओं को कितनी छूट देंगे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 12 कार्यशील पूंजी पर ब्याज भुगतान को टाले जाने को चूक नहीं माना जाएगा, इससे कर्जदार की रेटिंग (क्रेडिट हिस्ट्री) पर असर नहीं पड़ेगा।
आरबीआई ने सभी कर्जदाता संस्थाओं को यह अनुमति दी है कि वह हर प्रकार के टर्म लोन पर ईएमआई जमा करने में तीन महीने की छूट दें। अब ये बैंकों और वित्तीय संस्थाओं पर निर्भर करेगा कि वो अपने ग्राहकों को कितना लाभ देंगे। आरबीआई के इस कदम से व्यक्तियों, छोटे कारोबारियों और बड़े उद्यमों सभी को फायदा मिलेगा। सभी को लोन चुकाने में 3 महीने तक की छूट मिलेगी। उम्मीद की जा रही है कि अधिकांश बैंक अपने उपभोक्ताओं को ईएमआई जमा करने में तीन महीने तक की छूट दे सकते हैं। इससे घर में बंद बैठे लोगों को अपनी ईएमआई की चिंता नहीं सताएगी।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ाने और कर्ज सस्ता करने के लिए रेपो दर, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) रिवर्स रेपो दर में बड़ी कटौती की घोषणा की है। रिजर्व बैंक ने यह कदम सरकार की तरफ से गुरुवार को गरीबों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किये जाने के एक दिन बाद उठाया है।
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की तीन दिवसीय समिति की बैठक के बाद शु्क्रवार को रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी। इस कटौती के बाद रेपो दर 4.40 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में भी 0.90 प्रतिशत की कटौती कर इसे 4 प्रतिशत पर ला दिया। रिजर्व बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कमी की है जो कि घटकर तीन प्रतिशत रह गई। इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक मिशन में रहकर काम कर रहा है। मौजूदा परिस्थिति में जो भी जरूरी होगा रिजर्व बैंक वह कदम उठायेगा। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक पहले अप्रैल के प्रथम सप्ताह में होनी थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुये इसे 25 से 27 मार्च के बीच कर दिया गया। शक्तिकांत दास ने कहा कि सीआरआर में कटौती, रेपो दर आधारित नीलामी समेत अन्य कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए 3.74 लाख करोड़ रुपए के बराबर अतिरिक्त नकद धन उपलब्ध होगा।