नई दिल्ली। सरकार रेल यात्रियों को जल्द ही दिवाली का बड़ा उपहार देने जा रही है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन टिकट बुक करने पर लगने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क खत्म हो सकता है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वह इस संबंध में बैंकों से बात कर रहे हैं और दिवाली से पहले इस पर फैसला हो सकता है।
भारत आर्थिक सम्मेलन में बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि वह यात्रियों को एमडीआर के बोझ से राहत दिलाने के लिए बैंकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। आईआरसीटीसी अभी ग्राहकों को एमडीआर से राहत दे रही है। मैं इसे बिल्कुल खत्म करने के लिए कह रहा हूं और हम इसके लिए बैंकों से भी बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम फैसला अगले दो-तीन दिनों में हो जाएगा।
गोयल ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को मुफ्त बनाने के लिए बैंकों को अपने मॉडल पर फिर से काम करना होगा। आरबीआई ने पहले ही डेबिट कार्ड के जरिए 1,000 रुपए तक के भुगतान पर एमडीआर शुल्क घटाकर 0.25 फीसदी तक कर दिया है। 1,000 से 2,000 रुपए के भुगतान पर इसे 0.5 फीसदी कर दिया गया है। बड़े लेनदेन पर 1 फीसदी का एमडीआर लगता है। ये रेट नोटबंदी के बाद आरबीआई की तरफ से जारी गाइडलाइंस पर आधारित हैं, जिसकी मियाद बाद में भी बढ़ा दी गई है।
एमडीआर को तर्कसंगत बनाने के लिए 16 फरवरी को रिजर्व बैंक की ओर जारी ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक, रेलवे टिकट और पैसेंजर सर्विस ट्रांजेक्शंस पर 1 से 1,000 रुपए के लेनदेन पर 5 रुपए की फ्लैट फीस और 1,001 से 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर 10 रुपए फीस लगाए जाने की बात है। ऊंची वैल्यू वाले ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर का 0.5 फीसदी तक या अधिकतम 250 रुपए का चार्ज लगाया जा सकता है। हालांकि, टिकट खरीदने वाले मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिस पर उपभोक्ता या मर्चेंट के लिए कोई शुल्क नहीं है।