नई दिल्ली। देश में प्राइवेट सेक्टर द्वारा यात्री ट्रेनों का परिचालन अप्रैल, 2023 से शुरू किया जा सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर केवल 5 प्रतिशत यात्री ट्रेनों का परिचालन करेगा, शेष 95 प्रतिशत ट्रेनों का परिचालन पूर्व की भांति भारतीय रेलवे द्वारा ही किया जाएगा। यादव ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों का किराया इन मार्गों पर हवाई एवं बस किराये के अनुरूप प्रतिस्पर्धी होगा। प्राइवेट सेक्टर के प्रवेश से ट्रेन परिचालन में तेजी आएगी और रेल डिब्बों की टेक्नोलॉजी में बदलाव आएगा।
सरकार ने 151 आधुनिक ट्रेनों के माध्यम से 109 रेल मार्गों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। भारतीय रेल लगभग 2800 मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन करती है। यादव ने बताया कि ट्रेनों की खरीद प्राइवेट कंपनियां करेंगी। उनके रखरखाव का जिम्मा भी उन्हीं का होगा।
प्रतीक्षा सूची में आएगी कमी
यादव ने कहा कि रेलगाड़ी के जिन कोचों को अभी हर 4,000 किलोमीटर की यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है, टेक्नोलॉजी बेहतर होने से यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी। इससे उनका महीने में एक या दो बार ही रखरखाव करना होगा। इसमें रेलगाड़ी के सभी डिब्बों की खरीद मेक इन इंडिया नीति के तहत की जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्री ट्रेन परिचालन मे प्राइवेट कंपनियों को लाने का एक मकसद यह भी है कि इन्हें मांग के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे रेलगाड़ियों में प्रतीक्षा सूची में कमी होगी।
पिछले वर्ष 8.4 अरब यात्रियों ने की ट्रेन यात्रा
यादव ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में रेल यात्रियों की संख्या 8.4 अरब रही, वहीं हम हर साल करीब पांच करोड़ लोगों को सीट उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। पिछले 70 सालों में हम रेलवे के बुनियादी ढांचे को इस तरह विकसित नहीं कर सके कि सभी यात्रियों को सेवाएं दे सकें। इस पर पिछले छह साल में ध्यान दिया गया है। हमें हर यात्री को मांग के आधार पर यात्रा सेवा देने में सक्षम होना चाहिए। प्राइवेट ट्रेन परिचालन योजना हमारी बुनियादी ढांचे को विकसित करने की निरंतरता का हिस्सा है।
प्राइवेट कंपनियों को देना होगा शुल्क
यादव ने कहा कि कंपनियों को रेलवे की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्टेशन और रेलमार्ग इत्यादि के उपयोग का शुल्क भी देना होगा। इतना ही नहीं कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बोलियां लगाकर भारतीय रेलवे के साथ राजस्व भी साझा करना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में रेलवे यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन घाटे में कर रहा है। रेलवे का लक्ष्य अपने व्यय को न्यूनतम गारंटीशुदा लागत से पूरा करना है।
इन मार्गों पर होगा प्राइवेट ट्रेन का परिचालन
प्राइवेट यात्री ट्रेनों का परिचालन बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, पटना, प्रयागराज, सिकंदराबाद, हावड़ा और चेन्नई आदि संकुलों में किया जाएगा। यादव ने निजी ट्रेनों के लिए वित्तीय बोलियां अगले साल फरवरी और मार्च तक मिल जाने और इन पर अंतिम सहमति अप्रैल 2021 तक बन जाने की संभावना जताई। इस योजना से निजी क्षेत्र की ओर से 30,000 करोड़ रुपए का निवेश किए जाने की संभावना है। इसकी बोलियों को इस तरह तैयार किया गया है कि भारतीय रेलवे अपनी न्यूनतम गारंटीशुदा लागत वसूलने में सक्षम रहे।
लगाया जाएगा जुर्माना
यादव ने कहा कि यदि प्राइवेट कंपनियां यात्री रेलगाड़ी परिचालन से जुड़े किसी भी प्रदर्शन मानक को पूरा करने में असफल रहती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। हर रेलगाड़ी इंजन में एक बिजली मीटर भी होगा और कंपनियों को उनके द्वारा उपभोग बिजली का वास्तविक भुगतान करना होगा। यह उन्हें अपना बिजली खर्च कम रखने को प्रोत्साहित करेगा।