नई दिल्ली। नया मोबाइल सिम कार्ड लेने या किसी बैंक में सेविंग एकाउंट खुलवाने के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार नंबर के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यदा देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अध्यादेश पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह अध्यादेश पिछले हफ्ते शनिवार को जारी कर दिया गया है। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में लटग गया, जिसकी वजह से मोदी सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।
अध्यादेश के जरिये किए जाने वाले संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड प्रावधान किए गए हैं। अध्यादेश में कहा गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा पहचान पत्र के रूप में दी गई जैविक पहचान (आधार) की सूचनाएं और आधार नंबर का सेवा प्रदाता अपने पास जमा रखने को प्रतिबंधित ककिया गया है।
अध्यादेश के जरिये आधार कानून में यह बदलाव भी किया गया है कि कोई भी बच्चा 18 साल की उम्र का होने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है। अध्यादेश में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बैंक एकाउंट खोलने या मोबाइल सिम लेने के लिए आधार पेश नहीं करने की स्थिति में किसी भी सेवा से उपभोक्ता को इनकार नहीं किया जा सकता है।
इस नए अध्यादेश में प्रावधानों का उल्लंधन करने वालों पर एक करोड़ रुपए तक का आर्थिक जुर्माना तथा अनुपालन नहीं करना जारी रखने की स्थिति में प्रतिदिन 10 लाख रुपए के अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में तीन साल तक की कैद और 10,000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी है तो जुर्माना एक लाख रुपए तक हो सकता है। इस नए अध्यादेश के जरिये आधार कानून की धारा 57 को भी हदा दिया गया है, यह धारा निजी कंपनियों, इकाइयों द्वारा आधार के इस्तेमाल से जुड़ी है।