नई दिल्ली। बैंक जमा दरों में कमी के बीच सरकार ने गुरुवार को छोटे निवेशकों को राहत दी है। सरकार ने ऐलान किया कि पीपीएफ और एनएससी सहित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें जनवरी-मार्च तिमाही में अपरिवर्तित रहेंगी। यानि तीसरी तिमाही में दी जा रही ब्याज दरें आगे चौथी तिमाही में भी लागू रहेंगी। छोटी बचत योजनाओं को तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है।
क्या है सरकार का फैसला
वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘31 मार्च को समाप्त होने वाली 2020-21 की चौथी तिमाही में विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तीसरी तिमाही (एक अक्टूबर- 31 दिसंबर 2020) के लिए अधिसूचित दरों के समान रहेंगी।’’
क्या है बचत योजनाओं पर ब्याज दरें
- सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) के लिए वार्षिक ब्याज दरें क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत बनी रहेगी।
- वहीं पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है। वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। बचत जमाओं पर ब्याज दर चार प्रतिशत वार्षिक है।
- बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा।
- किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए वार्षिक ब्याज दर 6.9 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है।
- एक से पांच वर्षों की सावधि जमाओं पर 5.5-6.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जबकि पांच वर्षीय आवर्ती जमा पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत है। छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को वित्त मंत्रालय द्वारा तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है।
किस सरकारी योजना में है सबसे ज्यादा फायदा
पीपीएफ के अलावा सरकार की तरफ से सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम जैसी कई छोटी बचत योजनाएं है। इसमें से सुकन्या समृद्धि योजना फिलहाल सबसे ज्यादा ब्याज ऑफर कर रही है।