नई दिल्ली। राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) सहित चुनिंदा लघु बचत योजनाओं में निवेश नियमों में बदलाव के बाद सरकार ने आज कहा कि यदि इन योजनाओं के धारक निवासी से प्रवासी भारतीय (NRI) बन जाते हैं, तो ऐसे खातों को मैचुअरिटी से पहले ही बंद कर दिया जाएगा। NRI बनने वाले धारकों को डाकघर बचत खातों की दर 4% ही ब्याज मिलेगा, उन्हें निवेश पर उस दर पर ब्याज नहीं दिया जाएगा जिसपर सामान्य भारतीय नागरिकों को दिया जाता है।
लोक भविष्य निधि (PPF) के मामले में जिस दिन खाताधारक का दर्जा NRI का हो जाएगा उसी दिन से उसका PPF खाता बंद मान लिया जाएगा। लोक भविष्य निधि कानून, 1968 में संशोधन के अनुसार, यदि इस योजना का कोई खाता धारक NRI बन जाता है, तो उसके खाते को उसी दिन से बंद मान लिया जाएगा। उस तारीख से उसे डाकघर बचत खाते के समान 4 प्रतिशत का ब्याज ही देय होगा।
इन संशोधित नियमों को इसी महीने आधिकारिक गजट में अधिसूचित किया गया है। वहीं अलग से एक अधिसूचना में कहा गया है कि NSC के मामले में धारक के NRI बनने के दिन से उसे भुनाया मान लिया जाएगा। इस पर डाक घर बचत खाते के समान ही ब्याज देय होगा। यह ब्याज उस दिन से, जिस महीने इसे भुनाया जाएगा, उससे पिछले महीने की आखिरी तारीख तक देय होगा।
पिछले महीने सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर की अवधि के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। पिछले साल अप्रैल से सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जा रहा है। सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही के लिए PPF और NSC दोनों पर 7.8 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है।