पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) टैक्स बचत और निवेश का सबसे लोकप्रिय और आसान विकल्प है। आप मात्र 500 रुपये के साथ पीपीएफ खाते में निवेश कर सकते हैं और हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर उतना ही टैक्स बचा सकते हैं। खास बात यह है कि आपको टैक्स बचाने के लिए कोई खास मशक्कत नहीं करनी होती है। सिर्फ पीपीएफ खाते में हर साल पैसे जमा कीजिए और बच गया आपका टैक्स। टैक्स फायदों की बात करें तो यह निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट देता है। वहीं ब्याज आय पर और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी टैक्स नहीं चुकाना होता है।
यहां यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि आपको लगातार 15 साल तक लगातार निवेश करना होता है। यदि आप हर साल 500 रुपये का न्यूनतम निवेश भी नहीं करते हैं तो आपका यह पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाता है। साथ ही खाता निष्क्रिय होने के चलते आपको पीपीएफ के जरिए मिलने वाले अन्य लाभ भी प्राप्त नहीं हो पाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपना निवेश जारी रखें। वहीं यदि आप किसी कारणवश पीपीएफ खाते को चालू नहीं रख पाए हैं और आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो गया है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप आसानी से अपना बंद पड़ा पीपीएफ खाता चालू कर सकते हैं। हालांकि आपको इसके लिए कुछ जुर्माना जरूर अदा करना होगा। खास बात यह है कि अगर खाताधारक बंद पड़े पीपीएफ खाते के अलावा कोई अन्य पीपीएफ अकाउंट खुलवाना चाहता है तो नियम इसकी अनुमति नहीं देते हैं। किसी एक व्यक्ति के दो पीपीएफ खाते नहीं हो सकते हैं।
क्या है पीपीएफ खाता दोबारा शुरू करने का तरीका
पीपीएफ खाता दोबारा चालू करने के लिए आपको उस बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना होगा, जहां पर आपने अपना पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है। यहां आपको खाता दोबारा चालू कराने संबंधी एक फॉर्म भरना होगा। बता दें कि सिर्फ फॉर्म भरने से ही बात नहीं बनेगी बल्कि आपको जुर्माना और एरियर की राशि भी चुकानी होगी। एरियर की राशि उनवर्षों के लिए होती है, जिन वर्षों तक आपने अपनी पीपीएफ की राशि जमा नहीं करवाई है। इसके अलावा आपको पेनाल्टी का भुगतान भी करना होगा। यह पैनाल्टी 50 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से देना होगा।
ऐसे लगाएं पैनाल्टी और एरियर का हिसाब ,
पीपीएफ के मामले में पैनाल्टी और एरियर का हिसाब सीधा सरल है। माल लें कि आपका पीपीएफ खाता 4 साल से बंद है। तो आपको चार साल के हिसाब से 2000 रुपये एरियर अदा करने होंगे। इसके साथ ही आपको 200 रुपये की पैनाल्टी जमा करनीहोगी। ऐसा करने पर आपका पीपीएफ खाता दोबारा एक्टिवेट हो जाएगा।
अकाउंट इनएक्टिव रहने के क्या हैं नुकसान?
2016 में पीपीएफ नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। इसमें सरकार ने कुछ खास स्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है। इन स्थितियों में जानलेवा बीमारी का इलाज या बच्चे की शिक्षा के लिए खर्च शामिल हैं। पीपीएफ खाते के पांच साल चलने के बाद ही अंशदाता ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने तक पीपीएफ खाते में बैलेंस पर लोन लिया जा सकता है। रुके हुए पीपीएफ खाते में यह लाभ नहीं मिलता है।