नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रोडसाइड स्ट्रीट फूड वेंडर्स की मदद करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत इन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ जोड़कर एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने रोडसाइड फूड वेंडर्स को एक ऑनलाइन मार्केट उपलब्ध कराने के लिए इंडियन रेस्तरां एग्रीगेटर और फूड डिलीवरी स्टार्ट-अप जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) के साथ गठजोड़ किया है।
जोमैटो ने स्ट्रीट फूड वेंडर्स को बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की सहमति दी है। सरकार ने इसके लिए जोमैटो और स्विगी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
छह शहरों के 300 फूड वेंडर्स को मिलेगा फायदा
जोमैटो ने कहा कि वह छह शहरों में 300 फूड वेंडर्स को ट्रेनिंग देने के साथ इस योजना की शुरुआत करेगी। भोपाल, नागपुर, पटना, वडोदरा, नागपुर और लुधियाना की पहचान उन शहरों के रूप में की गई है, जहां इस योजना की शुरुआती होगी। पहले चरण के सफल होने के बाद जोमैटो इसे 125 शहरों में शुरू करेगी और पूरे भारत में स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रशिक्षण देगी।
जोमैटो के प्रतिनिधियों और पीएम स्वनिधि योजना के डायरेक्टर ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत जोमैटो इन स्ट्रीट वेंडर्स को फूड सेफ्टी और हाईजीन के बारे में प्रशिक्षित करेगी और उनके पैन कार्ड, एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन, फूड मेनू के डिजिटलीकरण और फूड प्राइस को फिक्स करने में भी मदद करेगी।
बिना गारंटी मिलता है स्वनिधि योजना के तहत ऋण
कोरोना काल में सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचकर रोज रोटी कमाने वाले दुकानदारों की आजीविका पर काफी असर पड़ा है। ऐसे में सरकार इन ठेले वाले लोगों को दोबारा से अपने कारोबार को खड़ा करने के लिए लोन दे रही है। यह लोन किफायती दरों पर मिल रहा है। सरकार की इस लोन स्कीम का नाम पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) है।
सरकार का मकसद है कि सड़क किनारे ठेले लगाकर सामान बेचने वाले ऐसे दुकानदारों को इस स्कीम से लाभ मिले और वो दोबारा अपने छोटे कारोबार को पटरी पर ला सकें। सस्ती दरों पर मिलने वाले इस सरकारी लोन की स्कीम को जून 2020 में लॉन्च किया गया। इसकी विशेषता है कि इसके तहत बांटे गए लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है।
ऐसे मिलता है लाभ
इस स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। इससे उन्हें अपने कारोबार को फिर से शुरू करने में मदद मिलती है। इसके तहत ठेले वाले दुकानदार, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाओं को शामिल किया गया है। इसमें ठेले पर सब्जी, फल, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, दस्तकारी उत्पाद और किताबें/कॉपियां बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं।
समय पर कर्ज लौटाने पर ब्याज में छूट
इस योजना में अबतक 25 लाख आवेदन आए हैं और 12 लाख से ज्यादा को स्वीकृति दे दी गई है। मोदी ने कहा कि साढ़े छह लाख आवेदन केवल उत्तर प्रदेश से आए जिसमें पौने चार लाख को मंजूरी दे दी गई है। लाभार्थियों को समय से कर्ज अदायगी पर सात प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है और डिजिटल लेन-देन में सौ रुपये प्रतिमाह कैशबैक के रूप में दिए जा रहे हैं।
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