नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) में अबतक कुल 42 लाख अपात्र किसानों की पहचान की जा चुकी है, जिनके खातों में गलत तरीके से पैसा जमा किया गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक ये अपात्र किसान ऐसे हैं जो पीएम किसान योजना के नियम और शर्तों को पूरा नहीं करते हैं और पीएम किसान का लाभ उठा रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में बताया कि पीएम किसान योजना के 42 लाख अपात्र किसानों से 3000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पीएम किसान योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ दिया जाता है और इस वित्तीय लाभ को 2000 रुपये की तीन किस्तों में प्रत्येक चार माह में प्रदान किया जाता है। धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 1. 57 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में सरकार ने 9,219 अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर पीएम किसान का पैसा लौटाने का आदेश दिया है। इन मामलों में ज्यादातर पति-पत्नी से लेकर मृतक किसान, गलत खाते में धनराशि फंड ट्रांसफर, गलत आधार, टैक्स देने वाले किसान, पेंशनधारक जैसे मामले शामिल है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थियों का चयन/पहचान राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है और जब संबंधित लाभार्थियों का सही/सत्यापित डेटा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जाता है तब वित्तीय लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में अंतरित कर दिया जाता है। इसलिए अपात्र लाभार्थियों के खातों में अंतरित धनराशि की वसूली की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार की है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पैसे लेने वाले अपात्र किसानों को उप कृषि निदेशक कार्यालय में नकद राशि में पैसा वापस लौटाना होगा। पैसा जमा करने पर उन्हें रसीद मिलेगी। पैसा देने के बाद किसान का डेटा भी पोर्टल से हटा दिया जाएगा। असम में पीएम किसान योजना के अपात्र किसानों से 554 करोड़, उत्तर प्रदेश के अपात्र किसानों से 258 करोड़, बिहार के अपात्र किसानों से 425 करोड़ और पंजाब के अपात्र किसानों से 437 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे।
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