नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। दरअसल योजना का फायदा कई ऐसे किसानों को भी मिला है जो इस योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं थे, जिसके बाद सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।
नियमों में क्या हुआ है बदलाव
नियमों के बदलाव के तहत नया रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान को अपने खेत का मालिकाना हक भी दिखाना होगा। उन्हें अपने आवेदन फार्म में जमीन के प्लाट नंबर का भी जिक्र करना होगा। अगर कोई किसान परिवार की संयुक्त जमीन पर खेती कर रहा है तो उसे पहले अपने हिस्से की जमीन अपने नाम करनी होगी , मालिकाना हक दिखाने के बाद ही योजना का फायदा मिलेगा। योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये की राशि दी जा रही है।
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किन किसानों पर पड़ेगा नए नियमों का असर
नए नियमों का असर उन किसानों पर होगा जो योजना का लाभ लेने के लिए नया रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। पहले से योजना का लाभ पाने वाले किसानों पर इस कदम का असर नहीं पड़ेगा। अगर कोई किसान अपने पिता या दादा की जमीन पर खेती कर रहा है तो उसे योजना में नया रजिस्ट्रेशन करने का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही किराए पर खेत लेकर उसमें खेती करने वाले को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानि खेत के मालिक ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
और कौन हुआ योजना के दायरे से बाहर
सरकार ने इससे पहले भी नियमों में बदलाव किए हैं, जिसके तहत टैक्स दायरे में आने वाले किसान योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसे किसान जो संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 10 हजार रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को भी फायदे के दायरे से बाहर किया गया है।
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क्यों लिया सरकार ने ये फैसला
योजना में बड़ी संख्या में ऐसे किसानों को फायदा मिलने से जो योजना के पात्र नहीं हैं, सरकार ने नियमों को सख्त करने का फैसला लिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पीएम किसान योजना में ऐसे करीब 33 लाख किसानों को 23 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा जारी किए गए हैं, जो योजना के तय दायरे में आते ही नहीं थे।