नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत किसानों को मिलने वाली धनराशि का इंतजार करोड़ों किसानों को बेसब्री से है। रबी फसल की बुआई का समय अपने पीक पर है और दूसरी तरफ नए कृषि बिलों के विरोध में किसान दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार ने दिसंबर माह के शुरुआत में ही किसानों को 2000 रुपये की किस्त उनके बैंक खातों में जमा कराने की योजना बनाई थी, लेकिन किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण शायद इसमें देर हो रही है। सूत्रों का कहना है कि किसानों के साथ सरकार की बातचीत के बाद शायद कोई हल निकलने के तुरंत बाद सरकार पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर सकती है। ऐसे में हो सकता है किसानों को पैसे के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़े। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल मोदी सरकार 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। ये पैसे किसानों को तीन किस्तों में दिए जाते हैं।
आमतौर पर कई बार नाम रजिस्टर्ड कराने पर पैसे नहीं आते हैं। इसके लिए एक मुख्य वजह यह हो सकती है नाम रजिस्ट्रेशन कराते समय कोई स्पेलिंग गलती हो गई या फिर आधार नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में कोई गलती होने पर पैसे अटक जाते हैं। ऐसे में पीएमस सम्मान निधि के पैसे आप घर बैठे चेक कर सकते हैं।
ऐसे चेक करें अपना नाम
- सबसे पहले आपको पीएम किसान सम्मान निधि की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर विजिट करना होगा।
- इसके बाद ऊपर की तरफ आपको Farmers Corner दिखेगा। उस पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद Beneficiary Status पर क्लिक करना होगा।
- -अब आपको आधार नंबर, काउंट नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
अब आपको पता चल जाएगा कि आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि में है या नहीं। अगर पका नाम रजिस्टर्ड है। किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं है तो आपका नाम मिल जाएगा। इसके अलावा आप ऐप के जरिए भी अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं कि आपको लिस्ट में नाम है या नहीं है।
कम दलित किसानों को मिलता है सम्मान निधि का पैसा
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की रिपोर्ट में कृषि मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दलित और आदिवासी किसानों को बहुत कम मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में इस योजना तहत सबसे ज्यादा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के किसानों को लाभ मिलता है। लाभार्थियों की कुल संख्या में उनकी हिस्सेदारी 41.5 फीसदी है। उनकी कुल संख्या 4.2 करोड़ है। उसके बाद सवर्ण किसानों की हिस्सेदारी है। उनकी कुल संख्या 3.7 करोड़ यानी 36.6 फीसदी है।
एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ये आंकड़े 7 सितंबर 2020 तक के हैं। इस योजना के तहत दलित यानी अनुसूचित जाति और आदिवासी यानी अनुसूचित जन जाति के किसानों की हिस्सेदारी क्रमशः 11.9 फीसदी और 9.9 फीसदी है।
लेकिन इस आंकड़े में सबसे ज्यादा चिंता का विषय पंजाब को लेकर है। पंजाब की कुल आबादी में 31 फीसदी दलित हैं। लेकिन यहां पर केवल 22 दलित किसानों को पीएम किसान सम्माम निधि योजना का लाभ मिलता है। इससे पता चलता है कि पंजाब में जमीन पर अन्य समुदाय का कितना एकाधिकार है। कुछ ऐसा ही हाल तेलंगाना का है। इस राज्य की 87 फीसदी आबादी ओबीसी में आती है, लेकिन इस वर्ग से किसी भी किसान को PM Kisan Samman Nidhi Yojana का लाभ नहीं मिलता है।