नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की सातवीं किस्त का देश के करोड़ों किसानों को बेसब्री से इंतजार है। रबी फसल का सीजन शुरू हो चुका है और किसान नई फसलों की बुवाई में जुट गए हैं, ऐसे में उन्हें खाद-बीज के लिए पैसों की जरूरत है। ऐसे में काफी संभावना है कि कृषि मंत्रालय दिसंबर माह के पहले हफ्ते से 11 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 2000 रुपए भेजना शुरू कर देगा। सातवीं किस्त का इंतजार कर रहे किसान भाई यह भी जान लें कि पिछली बार देश में 1,73,861 किसानों के खातों में छठी किस्त नहीं पहुंच पाई। इसके पीछे कई वजह थीं। आप भी इन्हें जानकर अभी सुधार लें जिससे बाद में आपको पछताना न पड़े।
पीएम किसान योजना में आवेदन करने के बाद भी आपके बैंक खाते में पैसे नहीं आए हैं तो अपना रिकॉर्ड एक बार जरूर चेक कर लें। कहीं उसमें कोई गलती तो नहीं है। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर बैठे अपने मोबाइल से ही इसे चेक और ठीक कर सकते हैं।
- PM-Kisan Scheme की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं। इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें।
- आप यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करें, इसके बाद एक कैप्चा कोड डालकर सबमिट करें।
- अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं।
- अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करें।
पेमेंट फेल होने का क्या हो सकता है कारण
फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट होने के बावजूद भुगतान फेल होने की कई वजह हो सकती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है आवेदन में लिखा गया नाम आधार से मैच नहीं कर रहा या बैंक अकाउंट से नाम नहीं मिल रहा। किसी ने आधार नंबर सही नहीं डाला है या बैंक का आईएफएससी कोड में गलती है। आवेदनकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है।
11 करोड़ से अधिक किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के कुल 11 करोड़ 33 लाख 52 हजार सात सौ तीन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें से 10 करोड़ 48 लाख 31 हजार एक सौ तीस किसानों का फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट भी हो चुका है, यानी मोदी सरकार इनके बैंक खातों में छठी किस्त का पैसा भेज चुकी है।
सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, मप्र और उप्र के
पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध आंकाड़ों के मुताबिक पेमेंट फेल होने के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और यूपी के हैं। बता दें खाता अमान्य होने का दूसरा कारण अस्थायी रोक या जो खाता संख्या दिया गया वो बैंक में मौजूद नहीं था। यह भी हो सकता है बैंक पीएफएमएस यानी सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली में रजिस्टर्ड नहीं था। किस्त न मिलने की एक वजह यह भी हो सकती है कि नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया में आधार सीडिंग नहीं हुई हो।