नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मिलने वाले लाभों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता की कमी दिखाई देती है। सरकार ने हाल में पेश आम बजट में योजना के लाभ आगे बढ़ायें हैं, इसके बावजूद मौजूदा घर खरीदारों में से 46 प्रतिशत से अधिक लोगों को इसके तहत मिलने वाले फायदों की जानकारी नहीं है। एक सर्वेक्षण में यह पता चला है।
गुरुग्राम स्थित एक स्टार्टअप, बेसिक होम लोन, ने यह सर्वेक्षण किया है जिसमें पिछले नौ माह के दौरान सस्ते मकान की श्रेणी के तहत कर्ज लेने वाले एक हजार लोगों से पीएमएवाई योजना के लाभों को लेकर सवाल पूछे गये। सरकार ने वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने के लिये 2015 में पीएमएवाई योजना की शुरुआत की। सर्वेक्षण में 17 प्रतिशत से कम लोगों को ही इसकी जानकारी थी कि पीएमएवाई योजना के तहत अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। केवल 48 प्रतिशत जवाब देने वालों को यह पता था कि आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्लयूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) वर्ग के घर खरीदार इसके तहत कवर होने वाले प्राथमिकता प्राप्त उपभोक्ता है।
बेसिक होम लोन्स, मध्यम और निम्न आय वाले परिवारों को बैंकों का चक्कर लगाये बिना घर बैठे आवास रिण उपलब्ध कराने का काम करती है, इसके लिये वह कोई शुल्क नहीं लेती है। यह एक वित्तीय प्रौद्योगिकी स्टार्टअप है। कंपनी का 16 बैंकों के साथ गठबंधन है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कर्ज लौटाने की अधिकतम अवधि के बारे में 37 प्रतिशत लोगों ने ही सही जवाब दिया। अधिकतर लोगों ने इसे 30 साल बताया जबकि अधिकतम अवधि 20 साल है।
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बेसिक होम लोन्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अतुल मोंगा ने कहा कि पीएमएवाई के तहत पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ स्वत: मिलना चाहिये। उन्हें इसका लाभ पाने के लिये नया आवेदन करने की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिये। ‘‘योजना को शुरू हुये छह साल हो चुके हैं। इसके बाद से इसमें दो और श्रेणियों को शामिल किया गया है फिर भी पात्र जनता योजना की बुनियादी जानकारी से अनभिज्ञ लगती है। ऐसे में कर्जदाताओं, सरकार और इससे जुड़े तमाम संस्थानों को योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिये।’’
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सर्वेक्षण के मुताबिक पीएमएवाई योजना के 2021 के नये संस्करण में कुछ नये फीचर जोड़े गये हैं। इसमें मध्यम आय वर्ग (एमआईजी-एक) और एमआईजी- दो को योजना का लाभ 31 मार्च, 2021 तक दिया गया है। वहीं एलआईजी और ईडब्ल्यूएस वर्गों के लिये इसकी समयसीमा को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने सस्ते मकानों के लिये लिये गये कर्ज पर दिये जाने वाले ब्याज पर डेढ लाख रुपये अतिरिक्त कटौती का लाभ भी दिया है। इस साल के बजट में इस लाभ को मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
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सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिये कर अवकाश लाभ को भी मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही अधिसूचित किराया आवासीय परियोजनाओं के लिये भी कर छूट की अनुमति दी गई है।