नयी दिल्ली। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने पेंशन कोष की राशि पांच लाख रुपये से कम होने की स्थिति में अंशधारकों को बिना कोई पेंशन प्लान खरीदे समूची राशि निकालने की अनुमति दे दी है। वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के ग्राहकों को सेवानिवृति के समय अथवा 60 साल की आयु पूरी होने पर दो लाख रुपये का पेंशन कोष होने की स्थिति में बीमा कंपनियों द्वारा पेश की जाने वाली पेंशन योजना को खरीदना होता है। वह शेष 60 प्रतिशत राशि की निकासी कर सकते हैं।
पेंशन नियामक ने एक गेजेट अधिसूचना में कहा है एनपीएस के तहत समय पूर्व निकासी सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। नियामक ने एनपीएस में प्रवेश करने की अधिकतम आयु को भी 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दिया है जबकि बाहर निकलने की आयु सीमा को 75 साल कर दिया गया है।
ईपीएफओ ने पीएफ रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई
सेवानिवृति कोष का संचालन करने वाली संस्था ईपीएफओ ने मंगलवार को कर्मचारियों के भविष्य निधि कोष के सार्वभौमिक खाता नंबर (यूएएन) को आधार नंबर के साथ सत्यापित करते हुये भविष्य निधि (पीएफ) रिटर्न दाखिल करने के आदेश पर अमल को एक सितंबर 2021 तक के लिये टाल दिया है। इससे नियोक्ताओं को उनके कर्मचारियों के आधार नंबर को उनके पीएफ खातों अथवा यूएएन नंबर के साथ जोड़ने के लिये अधिक समय मिल जायेगा। इससे पहले ईपीएफओ ने इस काम के लिये एक जून 2021 की समयसीमा रखी थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा जारी कार्यालय आदेश के मुताबिक आधार सत्यापित यूएएन के साथ इलेक्ट्रानिक चालान यानी पीएफ रिटर्न की रिसीट (ईसीआर) दाखिल करने पर अमल की समयसीमा को बढ़ाकर एक सितंबर 2021 कर दिया गया है। ईपीएफओ ने इस संबंध में श्रम मंत्रालय की एक अधिसूचना जारी होने के बाद आधार नंबर को जोड़ने अनिवार्य करने का फैसला किया। श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में 3 मई को अधिसूचना जारी की जिसमें मंत्रालय और उसके तहत काम करने वाले निकायों से सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत लाभार्थियों से आधार नंबर लिये जाने को कहा गया।