नई दिल्ली। आयकर विभाग आधार संख्या का उपयोग कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को स्वत: स्थायी खाता संख्या (पैन) जारी कर देगा। यह दोनों डाटाबेस को जोड़ने की नई व्यवस्था का हिस्सा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की 30 अगस्त की अधिसूचना के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आधार का उपयोग कर रिटर्न दाखिल करता है और उसके पास पैन संख्या नहीं है तो यह मान लिया जाएगा कि उसने पैन जारी करने के लिए आवेदन कर दिया है। इसके बाद उसे कोई और दस्तावेज दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी।
यह नियम एक सितंबर से प्रभावी हो गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कर विभाग पैन संख्या आवंटित करने के लिए आधार से व्यक्ति की अन्य जनांकिक जानकारी जुटा लेगा। सीबीडीटी, आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारण करने वाला शीर्ष निकाय है। सीबीडीटी के चेयरमैन पी.सी. मोदी ने जुलाई में एक साक्षात्कार में कहा था कि विभाग खुद से उस व्यक्ति को एक नई पैन संख्या आवंटित कर देगा, जो रिटर्न दाखिल करते समय आधार का उपयोग करेगा। यह दोनों डाटाबेस को आपस में जोड़ने की नई व्यवस्था का हिस्सा है।
आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक कुल 120 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं और 41 करोड़ से अधिक पैन नंबर जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 22 करोड़ से अधिक पैन को आधार से जोड़ा जा चुका है। इनकम टैक्स कानून की धारा 139 एए(2) के तहत 1 जुलाई 2017 तक प्रत्येक व्यक्ति जिसके पास पैन है और आधार के लिए पात्र है, उसे अपना आधार नंबर पैन के साथ जोड़ना अनिवार्य है।