नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के 8.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को इस साल 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी जाएगी। बुधवार को तीन साल से चली आ रही वेतन-वृद्धि की बातचीत को अंतिम रूप दिया गया। चार बैंक ऑफिसर एसोसिएशंस और पांच वर्कर्स यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले यूएफबीयू और आईबीए ने 22 जुलाई को 15 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इंडियन बैंक एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी सुनील मेहता ने एक बयान में कहा कि आईबीए को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि बैंक यूनियंस और एसोसिएशंस के साथ वेतन वृद्धि को लेकर चल रही बातचीत पर अंतिम सहमति बन गई है और 15 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि 1 नवंबर, 2017 से लागू की जाएगी।
वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि 5 साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी, जो 1 नवंबर, 2017 से शुरू होगी। सार्वजनिक, प्राइवेट और विदेशी बैंकों सहित कुल 37 बैंकों ने आईबीए को यूनियंस के साथ कर्मचारियों की वेतनवृद्धि के लिए बातचीत करने के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के 3.79 लाख अधिकारियों और लगभग 5 लाख बैंक कर्मचारियों, पुरानी-पीढ़ी के प्राइवेट बैंक और विदेशी बैंकों के कर्मचारियों को इस वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। नई वेतन वृद्धि से बैंकों पर 7898 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
आईबीए ने कहा कि कर्मचारियों को प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार बैंकिंग इंडस्ट्री में परफॉर्मेंस-लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम को लागू किया जा रहा है। यह स्कीम चालू वित्त वर्ष से लागू होगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पीएलआई स्कीम व्यक्तिगत शाखा के परिचालन लाभ या शुद्ध लाभ के आधार पर लागू होगी। प्राइवेट और फॉरेन बैंक के लिए यह स्कीम ऑप्शनल है। समझौते के मुताबिक, पीएलआई सभी कर्मचारियों को उनके सामान्य वेतन के अलावा हर साल देना होगा। बयान में कहा गया है कि सभी सात स्कैल में नया वेतन मान 36,000 रुपए से 1,29,000 रुपए होगा। यह नया वेतन मान 1 नवंबर,2017 से प्रभावी होगा।