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NSC और KVP को संभालकर रखना हुआ आसान, ई-मोड बनाएगा टेंशन फ्री

Government launched the NSC and KVP in e-mode and Passbook mode. From now physical certificates will not be issued. Know the features of e mode and passbook mode

Surbhi Jain
Updated on: July 15, 2016 12:30 IST
नई दिल्ली। राष्‍ट्रीय बचत पत्र (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) को भौतिक तरीके से संभालकर रखना हम सबके के लिए एक बड़ी चिंता होती है। इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने 1 जुलाई 2016 को एनएससी और केवीपी का ई-मोड और पासबुक मोड लॉन्च किया है। पोस्ट ऑफिस स्कीम्स जैसे कि एनएससी और केवीपी के मैच्योरिटी तक सर्टिफिकेट्स संभाल कर रखना थोड़ा कठिन होता है। कई बार या तो हम इन्‍हें कहीं रख कर भूल जाते हैं या फिर गुम कर देते हैं। कई बार प्राकृति आपदा जैसे बाढ़, भूकंप या आग की वजह से भी यह नष्‍ट हो जाते हैं। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने इनका ई-मोड व पासबुक मोड शुरू किया है। इनके शुरू होने के बाद फिजिकल सर्टिफिकेट जारी करना बंद कर दिया गया है। इंडिया टीवी पैसा की टीम इसी नए फीचर्स के बारे में आज अपने पाठको को बताने जा रही है।

एनएससी और केवीपी के ई-मोड के फीचर्स-

  • बैंक या पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स होने पर ही इस ऑप्शन का चयन किया जा सकता है।
  • इसके लिए इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
  • इंटरनेट बैंकिंग के शुरू होने के बाद आप अपनी सारी होल्डिंग ऑनलाइन बैंक एफडी और आरडी की तरह देख सकते हैं।
  • अब से किसी भी तरह का कोई सीरियल नंबर नहीं होगा। केवल एकाउंट और रजिस्ट्रेशन नंबर्स होंगे।
  • ई-मोड और ई-पासबुक में एनएससी के लिए 1000 के गुणांक और केवीपी के लिए 100 के गुणांक इश्यू किए जाएंगे।
  • पोस्ट ऑफिस की सभी नॉन सेंट्रालाइज्ड बैंकिंग सिस्टम एनएससी और केवीपी का केवल पासबुक मोड ही इश्यू करेंगी।

एनएससी और केवीपी का पासबुक मोड-

पासबुक मोड की सुविधा उन ग्राहकों के लिए है, जो ई-मोड का चयन नहीं करना चाहते। बैंक व पोस्ट ऑफिस ट्रांजैक्‍शन प्रिंट करके देंगे और उसके बाद बैंक की तरह ही पासबुक जारी करेंगे। पासबुक खोने की स्थिति में बैंक और पोस्ट ऑफि‍स को तय फीस का भुगतान करने पर डुप्लिकेट पासबुक के लिए आवेदन किया जा सकता है।

एनएससी और केवीपी के ई-मोड और पासबुक मोड के फीचर्स-

  • आवेदक ई-मोड और पासबुक मोड में से किसी का भी चयन कर सकता है। साथ ही दोनों मोड का भी चुनाव किया जा सकता है।
  • एक बार पासबुक मोड का चयन करने के बाद ई-मोड का चुनाव कभी भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको पासबुक देनी होगी।
  • यदि आपके पास पहले से एनएससी और केवीपी हैं, लेकिन वह गुम हो गए हैं तो आप पासबुक मोड का चयन कर सकते हैं।

एनएससी और केवीपी को ई-मोड और पासबुक मोड में कैसे रखेंं गिरवी?

एनएससी और केवीपी केवल पासबुक मोड में ही गिरवी रखे जा सकते हैं। देशभर में इन्‍हें कहीं भी गिरवी रखा जा सकता है। एनएससी और केवीपी को गिरवी रखने की रिक्वेस्ट के बाद बैंक संबंधित पोस्ट ऑफिस या बैंक को इंफॉर्मेशन भेजता है। निवेश की प्रमाणिकता जांचने के बाद पोस्ट ऑफिस या बैंक उसे लॉक कर देती है। अपने गिरवी एनएससी और केवीपी को छुड़ाने के लिए भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

एनएससी और केवीपी को गिरवी रखने के बाद एक पोस्ट ऑफिस या बैंक से दूसरे पोस्ट ऑफिस या बैंक में ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं किया जा सकता। अगर इन्हें गिरवी नहीं रखा गया है तो ट्रांसफर पुराने नियम अनुसार ही किया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव नहीं किए जाएंगे।

फि‍जिकल एनएससी और केवीपी को ई-मोड और पासबुक मोड में कैसे ट्रांसफर कराएं?

फि‍जिकल एनएससी और केवीपी को ई-मोड या पासबुक मोड में ट्रांसफर कराने के लिए आपको संबंधित पोस्ट ऑफिस या बैंक में आवेदन करना होगा। अगर पहले होल्डर के पास पासबुक मोड है तो उसे अपनी पासबुक सरेंडर करनी पड़ेगी। नई पासबुक नए होल्डर को इश्यू की जाएगी।

ई मोड या पासबुक मोड में केवीपी सर्टिफिकेट इश्यू करने के लिए दो दर्जन से ज्यादा बैंक है। इन बैंकों की सूची में प्रमुख नाम एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आदि शामिल है।

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