नई दिल्ली। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) अपने टिकट बुकिंग सिस्टम को और ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी के तहत IRCTC ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम के सॉफ्टवेयर में कई बड़े बदलाव करने जा रही है। इसके बाद रेल यात्री टिकट बुकिंग के दौरान अपनी मनपसंद सीट का चयन भी कर सकेंगे। आपको बता देें कि रेल मंत्रालय के निर्देश पर IRCTC के ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम को नए कलेवर में पेश करने के लिए रेलवे की पीएसयू क्रिस ने काम करना शुरू कर दिया है।
चुन सकते है अपनी मनपसंद सीट
टिकट बुकिंग सिस्टम के नेक्स्ट जनरेशन सॉफ्टवेयर में कई ऐसे फीचर होंगे जिससे रेल यात्रियों का सफर काफी आसान हो सकेगा। खास बात यह है कि टिकट बुकिंग के दौरान आप अपनी सीट का चयन भी कर सकेंगे। इसके अलावा नेक्स्ट जनरेशन टिकट बुकिंग सिस्टम जहां एक तरफ यूजर फ्रेंडली होगा, वहीं दूसरी तरफ इसके लागू हो जाने से भारतीय रेलवे को भी फायदा मिलने की संभावना है।
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नेक्स्ट जनरेशन टिकट बुकिंग सिस्टम में तमाम दूसरी सेवाओं को भी शामिल किए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि रेलवे बुकिंग सिस्टम में कैब, ई-कैटरिंग, व्हीलचेयर, कुली और वेटिंग रूम की बुकिंग का भी प्रावधान किया जाएगा। यानी एक जगह पर ही रेल यात्री को तमाम सुविधाएं बुक करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा इंटरनेट पर हैकिंग के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए नए सॉफ्टवेयर में तमाम सिक्योरिटी फीचर्स भी दिए जाएंगे।
नए सॉफ्टवेयर से रेलवे को भी होगा फायदा
नए सॉफ्टवेयर में रेलवे यह व्यवस्था कर सकेगा कि एयरलाइंस की तरह यात्री को पहले उसका कोच या टिकट नंबर बताने की बजाए सिर्फ कंफर्म टिकट होने की जानकारी दी जाएगी और बाद में चार्ट तैयार होने पर यात्री को उसका सीट नंबर SMS कर दिया जाएगाछ। इस व्यवस्था में सबसे बड़ा फायदा यह होगा की रेलवे को समय रहते यह पता चल पाएगा कि उसके कितने कोच भर पा रहे हैं और इसी के आधार पर ट्रेन में लगाए जाने वाले डिब्बों की संख्या घटती बढ़ती रहेगी।
अगले साल से मिल पाएंगी नई सुविधाएं
रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय ने क्रिस को इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। नेक्स्ट जनरेशन का सॉफ्टवेयर कैसा हो इसके बारे में लगातार हर हफ्ते मीटिंग की जा रही है। पूरा का पूरा ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। नेक्स्ट जनरेशन सॉफ्टवेयर का ब्लूप्रिंट तैयार हो जाएगा तो रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने इसको पेश किया जाएगा और उसके बाद ही उनकी मंजूरी मिलने पर इस को एक्टिवेट कर दिया जाएगा। ऐसा अनुमान है इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 1 साल का वक्त लग जाएगा। यानी 2018 में रेलयात्री टिकट बुकिंग में नई सुविधाओं के साथ सफर कर सकेंगे।
इसका सीधा फायदा यह होगा कि उन रेलवे रूट्स पर जहां पर यात्रियों की डिमांड कम है, कम डिब्बों के साथ ट्रेन चलाई जाएगी और जिन इलाकों में रेल यात्रियों की मांग ज्यादा होगी वहां पर ज्यादा डिब्बों के साथ ट्रेन चलाई जा सकती है. इस तरह की व्यवस्था से रेलवे की कमाई बढ़ने की पूरी संभावना है