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हो सकते हैं एक नंबर के दो नोट, समझिए करेंसी का नंबर गेम

RBI अपने नोटों के सीरियल नंबर की छपाई में एक प्रक्रिया का पालन करता है। यह प्रक्रिया हर नोट के लिए अलग अलग होती है।

Surbhi Jain
Updated : December 11, 2015 10:38 IST
हो सकते हैं एक नंबर के दो नोट, समझिए करेंसी का नंबर गेम
हो सकते हैं एक नंबर के दो नोट, समझिए करेंसी का नंबर गेम

नई दिल्ली: भारतीय नोटों की सीरीज वाले नंबर में एक विशेष क्रम होता है। अभी तक बनने वाले सभी नोटों में छपने वाले डिजिट एक ही आकार के होते हैं। RBI ने हालही में नोट में छपने वाले इन डिजिटों में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है इसके लिए केंद्रीय बैंक ने साल 2005 के सीरीज वाली 100 की गड्डी का एक नोट जारी किया है जिसमें डिजिट का प्रतिरूप नया है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में छपने वाले दो नोट भी एक ही सीरियल नंबर के हो सकते हैं।

आपके मन में कई सवाल उठते होंगे कि नोट के सीरियल नंबर कौन तय करता होगा?, इनकी छपाई कहां होती होगी?  देश में कितने नोटों की छपाई होती है?  कितनी नकदी बाजार में छोड़ी जाती है? कितनी नकदी सालाना बरबाद हो जाती है? और सबसे अहम बात कि इन नोटों पर सीरियल नंबर कैसे तैयार किए जाते हैं?

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भारतीय रिजर्व बैंक भी अपने नोटों के सीरियल नंबर की छपाई में एक प्रक्रिया का पालन करता है। यह प्रक्रिया हर नोट के लिए अलग अलग होती है।

हर भारतीय नोट के सीरियल नंबर में होती हैं तीन चीजें:

1.       पहले आने वाले तीन अक्षर

2.       सीरियल नंबर

3.       सीरियल नंबर के पीछे धुंधला सा दिखने वाला एल्फाबेट

आपको अपने नोट के नंबर को बारीक से समझने के लिए अपने सामने एक नोट रखना होगा। 100 का या 500 का।

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तस्वीरों में देखिए करंसी नोट्स पर सिक्योरिटी फीचर्स

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5,10 और 20 के नोट में:

अगर आपने 5, 10 और 20 का नोट गौर से देखा हो तो आपको बता दें कि इसमें प्रिफिक्स के शुरूआती दो करेक्टर न्यूमेरिक होते हैं और तीसरा नंबर एल्फाबेट होता है। इसके बाद इन तीनों नोटों में भी 6 नंबर का सीरियल होता है। जैसे कि 000001 से लेकर 100000। इसमें आखिरी एक 1 मिलियन होता है। उदाहरण के लिए 00A 000001 से लेकर 00A 100000।

50,100,500 और 1000 का नोट:

इन सभी नोटों के प्रिफिक्स में पहला करेक्टर न्यूमेरिक होता है, जबकि दूसरा और तीसरा एल्फाबेट होता है। इस तरह के नोट में 0AA 000001 से लेकर 0AA 100000।

जाने आखिर क्या होता है प्रिफिक्स-  

प्रिफिक्स में सिर्फ 26 के बजाए सिर्फ 20 एल्फाबेट का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिफिक्स में I,J और O का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि ये नंबर 0 और 1 को लेकर थोड़ा कन्यूफजन पैदा कर सकते हैं। प्रिफिक्स में X,Y और Z का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता। नोट सीरियल नंबर के शुरूआती तीन अक्षर प्रिफिक्स होते हैं। प्रिफिक्स के बाद आने वाले 6 डिजिट नंबर सीरियल नंबर होते हैं।

इनसेट में क्या क्या-

इनसेट में सिर्फ एल्फाबट का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिफिक्स की ही तरह इनसेट में भी 20 एल्फाबेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें भी I,J,O और X,Y,Z का इस्तेमाल नहीं किया जाता। अगर आप नोट को गौर से देखेंगे तो नोट में सीरियल नंबर के ठीक पीछे उभरने वाला बड़ा सा और धुंधला सा डिजिट दिखाई देगा। इसे इनसेट कहा जाता है। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि अलग अलग कीमत के नोट में यह प्रक्रिया अलग अलग होती है।

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