नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) सड़क सुरक्षा के प्रति नागरिकों के बीच एक जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। इस कार्यक्रम के जरिये मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम के तहत पालन किए जाने वाले नियमों और दिशा-निर्देशों के प्रति वाहन चालकों को संदेवनशील बनाने का काम कर रहा है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्विट कर कहा है कि मोटन वाहन अधिनियम की धारा 185 के तहत शराब पीकर वाहन चलाना एक आपराधिक कृत्य है। शराब पीकर वाहन चलाते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना और/या 6 माह तक की जेल वाहन चालक को हो सकती है। इतना ही नहीं यदि इसी प्रकार का अपराध दोबारा या बार-बार करते हुए पकड़ा जाता है तो वाहन चालक को 15,000 रुपये का जुर्माना और 2 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि बगैर लाइसेंस के अनाधिकृत रूप से वाहन चलाना भी एक अपराध है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के तहत ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर आपको 5000 रुपये का जुर्माना और/या 3 महीने की कैद का सामना काना होगा। इसलिए आप जब भी वाहन चलाएं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस है।
इतना ही नहीं अपने वाहन की समय पर देखरेख और मरम्मत भी बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। मंत्रालय ने अपने एक तीसरे ट्वीट में कहा कि समय पर वाहन की देखरेख जरूरी है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 के तहत खराब वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 1500 रुपये का जुर्माना लग सकता है। मंत्रालय का कहना है कि खराब वाहन सड़क सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
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