Highlights
- पूरे भारत में निजी वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई बीएच श्रृंखला
- वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने पर अपने वाहन का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी
- नई राष्ट्रीय वाहन नीति के तहत राज्यों में वाहन कबाड़ केंद्र (स्क्रैपिंग सेंटर) स्थापित किए जा रहे हैं
नई दिल्ली। अब आप एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर पर अपने वाहन को भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में बिना किसी रोकटोक के चला सकेंगे। जी हां, यह सही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को कहा कि पूरे भारत में निजी वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए अबतक 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वाहनों के पंजीकरण के लिए नई भारत श्रृंखला (बीएच श्रृंखला) शुरू की है। सरकार ने अगस्त में एक नई वाहन पंजीकरण व्यवस्था को अधिसूचित किया था। इसके तहत वाहन मालिकों को एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में स्थानांतरित होने पर अपने वाहन का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत श्रृंखला के तहत रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकार, केंद्रीय/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों या संगठनों के उन कर्मचारियों को यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी, जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में हैं।
अरमाने ने बताया कि नई राष्ट्रीय वाहन नीति के तहत राज्यों में वाहन कबाड़ केंद्र (स्क्रैपिंग सेंटर) स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पहले ही गुजरात से एक आवेदन मिला है। हम असम से एक और आवेदन की उम्मीद कर रहे हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल में कहा था कि जो नए वाहन राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ के लिए देने के बाद खरीदे जाएंगे, उन पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पथकर में 25 प्रतिशत तक की छूट देंगे।
इलेक्ट्रिक वाहन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय के प्रयासों पर अरमाने ने कहा कि इसके लिए अभी 2-3 स्तर पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि टू-व्हीलकर कंपनी जैसे ओला, एथर एनर्जी आदि अपना स्वयं का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना बना रही हैं। भारी उद्योग मंत्रालय पहले ही पूरे देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की परियोजना पर काम कर रहा है। एनएचएआई ने भी 100 टोल स्टेशन की पहचान की है, जहां इस साल के अंत तक चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जाएगी।
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