नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने ग्रामीण भारत में स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन को अधिसूचित किया है। इस संशोधन के बाद डीजल और पेट्रोल से चलने वाले कृषि ट्रैक्टर, पावर ट्रिलर और निर्माण उपकरण वाहनों को सीएनजी, बायो-सीएनजी और एलएनजी ईंधन इंजन में बदला जा सकता है।
मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि मंत्रालय ने कृषि ट्रैक्टरों, पावर ट्रिलर, निर्माण उपकरण वाहनों और हार्वेस्टर के इंजनों को सीएनजी, बायो-सीएनजी और एलएनजी ईंधन से बदलने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में एक संशोधन को अधिसूचित किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल फरवरी में डीजल इंजन से सीएनजी में परिवर्तित भारत का पहला ट्रैक्टर पेश किया था और कहा था कि इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव होंगे, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के मौके भी तैयार होंगे।
टायर के लिए अक्टूबर से नए नियम लागू करने का प्रस्ताव
यात्री कारों और वाणिज्यिक वाहनों के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नए नियम लागू किए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कारों, बसों और ट्रकों के टायर के लिए सड़क पर आवर्ती-घर्षण, गीली सड़क पर टायर की पकड़ और वाहन के चलते समय टायर से उत्पन्न ध्वनि के बारे में नियमों का मसौदा जारी किया है।
शुक्रवार को जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसका उद्येश्य यह सुनिश्चित कराना है कि वाहनों के टायर अधिक भरोसे मंद और अच्छे हों। मंत्रालय ने नए माडल के टायरों के लिए इन नियमों केा 1, अक्तूबर 2021 और वर्तमान माडल के टायरों के लिए 1, अक्तूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है।
मंत्रालय की ओर से एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा गया है कि टायरों को आवर्ती घर्षण, गीली सड़क पर टायर की पकड़ और आवाज के संबंध में वाहन उद्योग के लिए मानकों की श्रृंखला (एआईएस) 142:2019 के चरण दो में विनिर्दिष्ट एवं समय समय पर संशोधित मानकों के अनुरूप होना चाहिए। इन नियमों के बारे में सुझाव और आपत्तियां सरकार को भेजी जा सकती हैं। ये नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं।
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