नई दिल्ली। मोबाइल फोन निर्माताओं के संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईसीईए) ने शुरुआत स्तर के मोबाइल हैंडसेट्स के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है।
मोबाइल उद्योग इस दर को इसलिए कम कराना चाहता है, ताकि शुरुआत स्तर के मोबाइल 1200 रुपए तक की कीमत में उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सकें। उल्लेखनीय है कि 18 दिसंबर को जीएसटी परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें मौजूदा कर संरचना की समीक्षा की जाएगी।
आईसीईए ने कहा है कि शुरुआती स्तर (एंट्री लेवल) के मोबाइल हैंडसेट्स के लिए दरों में कटौती से 50 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा होगा। उद्योग संगठन ने कहा है कि एंट्री लेवल के मोबाइल हैंडसेट्स की, जिन्हें पुश बटन क्षमता वाले फीचर फोन के रूप में भी जाना जाता है, मांग अभी भी भारत में कुल घरेलू बाजार की मांग का लगभग 50 प्रतिशत है। 2019 में 12 से 15 करोड़ यूनिट की बिक्री होने का अनुमान है।
देश में एंट्री लेवल के मोबाइल फोन का निर्माण मुख्यतौर पर लावा, शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसी कंपनियां कर रही हैं। आईसीईए के अनुसार, इस श्रेणी के हैंडसेट की मूल्य हिस्सेदारी लगभग 12,000-15,000 करोड़ रुपए है, जो की कुल घरेलू मूल्य बाजार का लगभग 6.5 से 8 प्रतिशत है।
जीएसटी दर में कटौती की मांग करते हुए उद्योगों के संगठन आईसीईए ने पिछले सप्ताह केंद्रीय अप्रत्यख कर एवं सीमा शुल्क, वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर इस आशय की मांग की है।