नई दिल्ली। मोबाइल आधार (एम-आधार) का इस्तेमाल अब हवाई अड्डों में प्रवेश करने के लिए पहचान पत्र के रूप में किया जा सकेगा। इसके साथ ही अभिभावकों के साथ आए नाबालिग बच्चों को पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी है।
बीसीएएस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यात्रियों को हवाई अड्डों पर प्रवेश करने के लिए 10 पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाना जरूरी होगा। इनमें पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, आधार या एम-आधार और पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल है। बीसीएएस द्वारा 26 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वैध यात्री अपने नाम पर जारी वैध टिकट पर यात्रा कर रहा है, निम्नलिखित फोटो पहचान पत्रों में से कोई एक दस्तावेज मूल स्वरूप में साथ लेकर चलना होगा। ताकि यात्री की सुरक्षाकर्मियों के साथ जांच के दौरान किसी तरह का विवाद या बहस न हो।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीयकृत बैंक की पासबुक, पेंशन कार्ड, विकलांगता फोटो पहचान और केंद्रीय या राज्य सरकार, पीएसयू, स्थानीय निकायों और निजी लिमिटेड कंपनी के फोटो पहचान पत्र भी मान्य होंगे। छात्रों के पास सरकारी संस्थान द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र दिखाने का भी विकल्प है। हालांकि, इस आदेश में माता-पिता या अभिभावकों के साथ आने वाले बच्चों को पहचान पत्र दिखाने से छूट दी गई है। आदेश में कहा गया है कि अभिभावक, जो कि एक वैध यात्री हैं और उनके पास वैध पहचान पत्र है तो इस स्थिति में बच्चे या नाबालिग को पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी।
अगर कोई यात्री इन दस दस्तावेजों में किसी को भी दिखाने में नाकाम रहता है तो उसके पास केंद्र या राज्य सरकार के ग्रुप ए के राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी पहचान प्रमाणपत्र दिखाने का विकल्प है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पासपोर्ट और हवाई यात्रा का टिकट दिखाना जरूरी है।