नई दिल्ली। सरकार ने हाल ही में 12 अंकों की आधार संख्या को मोबाइल के व्यक्तिगत नंबर से जोड़ने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) समेत तीन नए तरीके पेश किए हैं। इसके माध्यम से आधार को अपने व्यक्तिगत नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने इन तीन नए तरीकों वन टाइम पासवर्ड, एप आधारित और इंटरेक्टिव वॉयस रेस्पांस (आईवीआरएस) को शुरू किया है। इन तीनों सुविधा के जरिये अपने आधार नंबर को मोबाइल नंबर के साथ जोड़ा जा सकता है।
इसके साथ अब ग्राहक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के स्टोर पर जाए बिना अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ सकते हैं। डीओटी के बयान के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों की सुविधा के लिए दूरसंचार विभाग ने उपभोक्ताओं के दरवाजे पर पुन: सत्यापन के लिए भी सिफारिश की है।
मोबाइल नंबर को आधार के साथ लिंक करने की अंतिम तारीख 6 फरवरी 2018 है। चलिए हम यहां समझते हैं कि लोग किन-किन तरीकों से और कैसे अपने मोबाइल को आधार से जोड़ सकते हैं:
वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी)
सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा है कि वह ऐसे ग्राहकों को ओटीपी भेजे जिनके मोबाइल नंबर पहले ही आधार नंबर के साथ रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इस तरीके का इस्तेमाल सब्सक्राइबर्स द्वारा किए जा रहे अन्य मोबाइल नंबर का रि-वेरीफिकेशन करने में किया जा सकता है। वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिये मोबाइल नंबर को ई-वेरीफाई करने में ओटीपी मदद करेगा।
एजेंट-असिस्टेड ऑथेंटीकेशन
प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा गया है कि वह एजेंट्स को उपभोक्ताओं की पूरी ई-केवायसी की जानकारी का खुलासा न करें। एजेंट ऑथेंटीकेशन सुविधा का इस्तेमाल सिम रि-वेरीफिकेशन के साथ ही साथ इसे जारी करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा आधार डाटा को एजेंट के डिवाइस में ज्यादा देर तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है।
इंटेरेक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस)
इंटेरेक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स सिस्टम का इस्तेमाल वेरीफिकेशन के लिया किया जा सकता है। इसको विशेषतौर पर तैयार एप की मदद से किया जा जाएगा।
इसके अलावा आधार को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए सरकार ने समय में और वृद्धि की है। अब आम लोग 31 मार्च, 2018 तक आधार को अपने बैंक खाते और मोबाइल नंबर से जोड़ सकते हैं। यह कदम सुविधा में सुधार करने और उपभोक्ताओं द्वारा सरकारी सूचनाओं और सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए समय और ऊर्जा को बचाने के लिए सरकार का एक प्रयास है।