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सिर्फ बचत ही नहीं खर्च करके भी बचा सकते हैं इनकम टैक्‍स, ये हैं रास्‍ते

हर व्‍यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्‍स देना पड़े। आप सिर्फ सेविंग या इन्‍वेस्‍टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्‍स में बचत कर सकते हैं।

Manish Mishra
Updated on: February 16, 2017 16:32 IST
Tax Saving Tips -Part 1: सिर्फ बचत ही नहीं खर्च करके भी बचा सकते हैं इनकम टैक्‍स, ये हैं रास्‍ते- India TV Paisa
Tax Saving Tips -Part 1: सिर्फ बचत ही नहीं खर्च करके भी बचा सकते हैं इनकम टैक्‍स, ये हैं रास्‍ते

नई दिल्‍ली। सीजन इनकम टैक्‍स बचाने का है। कमाने वाला हर व्‍यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्‍स देना पड़े। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि आप सिर्फ सेविंग या इन्‍वेस्‍टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्‍स में बचत कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि खर्च के जरिए इनकम टैक्‍स बचाने के क्‍या तरीके हैं।

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बच्‍चों की ट्यूशन फीस

  • जल्‍दबाजी में बीमा और एफडी करवाते हुए लोग यह भूल जाते हें जिन प्राइवेट स्‍कूलों में वे अपने बच्‍चों की पढ़ाई करवा रहे हैं, उसके ट्यूशन फीस के भुगतान पर भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती का लाभ मिलता है।
  • मुंबई स्थित CA, CS, और सर्टिफायड फाइनेंशियल प्‍लानर बलवंत जैन कहते हैं कि यह लाभ दो बच्‍चों तक के लिए सीमित होता है। इसकी सीमा 1.5 लाख रुपए है।
  • अगर आपके बच्‍चे पढ़ाई करते हैं तो सबसे पहले उनकी सालाना फीस जोड़ कर देख लें कि यह डेढ़ लाख रुपए से कितना कम है। शेष राशि का निवेश आप बचत या खर्च के अन्‍य विकल्‍पों में कर सकते हैं।

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गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च

  • अगर परिवार का कोई सदस्‍य जो आर्थिक रूप से आप पर निर्भर है और गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च का दावा आप आयकर अधिनियम की धारा 80डीडीबी के तहत कर सकते हैं।
  • कटौती का यह दावा पति या पत्‍नी, बच्‍चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है।
  • ध्‍यान रहे, इस धारा के तहत सिर्फ निवासी भारतीय ही टैक्‍स में कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • जैन के अनुसार, वित्‍त वर्ष 2015-16 यानि एसेसमेंट वर्ष 2016-17 के लिए आप इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च या 40,000 रुपए, जो भी कम हो, का दावा कर सकते हैं।
  • वरिष्‍ठ नागरिकों की गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च की सीमा 60,000 रुपए और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए इसकी सीमा 80,000 रुपए है।

ये बीमारियां होती हैं कवर : डिमेंशिया, डायस्‍टोनिया मस्‍कुलोरम डिफॉरमेंस, मोटर न्‍यूरॉन डिजीज, एटैक्सिया, कोरिया, हेमिबैलिस्‍मस, एफैशिया, पार्किसंस डिजीज, मैलिग्‍नैंट कैंसर, फुल ब्‍लोन एड्स, क्रॉनिक रेनल फेल्‍योर, हेमोफीलिया और थैलेसीमिया।

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मेडिक्‍लेम के प्रीमियम पर 50,000 रुपए तक की कटौती का लाभ

  • लगातार महंगे होते हेल्‍थकेयर को देखते हुए हर किसी के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेना जरूरी है।
  • इससे न केवल आप विपरीत परिस्थितियों में हॉस्पिटल के खर्च से बच पाते हैं बल्कि इसके प्रीमियम के भुगतान पर आपको इनकम टैक्‍स में डिडक्‍शन का लाभ भी मिलता है।
  • अगर आप अपने और परिवार के लिए मेडिक्‍लेम लेते हैं तो 25,000 तक के प्रीमियम पर डिडक्‍शन का लाभ ले सकते हैं।
  • अगर आप अपने माता-पिता के मेडिक्‍लेम का प्रीमियम भी भरते हैं 25,000 रुपए और जोड़ लीजिए। मतलब कुल मिलाकर 50,000 रुपए।

अगले हिस्‍से में पढि़ए खर्च के जरिए इनकम टैक्‍स बचाने के कुछ और उपाय…

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