नई दिल्ली। जयपुर में रहने वाले कार्तिक ने पिछले हफ्ते नया स्मार्टफोन खरीदा, जिसमें उन्होंने 1 जीबी थ्री जी डेटापैक पड़वाया था। लेकिन आज सुबह मोबाइल कंपनी की ओर से उन्हें डेटा यूज वॉर्निंग का मैसेज मिला। जिसमें लिखा था कि अब उनके पास सिर्फ 30 एमबी डेटा ही शेष बचा है। कार्तिक फोन से सिर्फ फेसबुक और व्हाट्सएप का ही सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इतनी जल्दी डेटा समाप्त होने के चलते कार्तिक पशोपेश में पड़ गए। दरअसल गलती मोबाइल कंपनी या कार्तिक की नहीं थी, बल्कि कार्तिक अपने फोन में बैकग्राउंड डेटा की सेटिंग करना भूल गए थे। इसके अलावा कई स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम थर्ड पार्टी एप्स को डेटा इस्तेमाल करने की इजाजत दे देते हैं। ताकि यूजर ज्यादा इस्तेमाल करते वक्त बेहतर अनुभव मिल सके। लेकिन इससे आपका मोबाइल डेटा भी जल्द खत्म हो जाता है। कार्तिक की तरह ही बहुत से रीडर्स भी जल्द डेटा खत्म होने से परेशान होंगे। ओपरा की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक हमारा 30 फीसदी मोबाइल डेटा बैकग्राउंड में चल रही एप्स में खर्च हो जाता है। यानि कि यूजर को कुल चुकाई हुई कुल कीमत का केवल 70 फीसदी की डेटा मिलता है। आइए जानते हैं कौन सी एप आपका सबसे ज्यादा डेटा कंज्यूम करती हैं, और इसे रोकने के उपाय क्या हैं।
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फेसबुक मैसेंजर और जीमेल यूज करते हैं ज्यादा डेटा
स्टडी में यह बात सामने आई है कि फेसबुक मैसेंजर और जीमेल आपके कुल डेटा का 73 फीसदी इस्तेमाल कर लेते हैं। इसको अगर सरल भाषा में समझाया जाए तो हर 27 एमबी डेटा आपकी ओर से खर्च करने पर आप 73 एमबी डेटा बिना आपकी इजाजत के खर्च हो जाता है। इसके अलावा अन्य एप्स जो आपके इंटरनेट प्लान को खत्म करते हैं वो हैं गूगल ड्राइव और व्हाट्सएप। ये दोनो 50 फीसदी बैकग्राउंड डेटा इस्तेमाल करती हैं।
क्यों ये एप्स बैकग्राउंड डेटा को इस्तेमाल करती हैं
सभी इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स जैसे कि फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप के अपनी सर्विसिस होती हैं जो कि आपके एक्सिट करने के बाद ङी बैकग्राउंड में चलती रहती हैं। ये सेवाएं इंटरनेट के जरिए अपडेट्स लेती हैं और आपकी पसंद के अनुसार मीडिया को डाउनलोड कर देती हैं। जीमेल ऑटो सिंक का इस्तेमाल करता है ताकि नए ई-मेल को चेक करता रहे। ऐसा करने के बाद बिना किसी देरी के नए ई-मेल के आते ही आपको नोटिफाई कर दिया जाता है। हालांकि ये एप्स बैकग्राउंड में मोबाइल डेटा इसलिए इस्तेमाल करती है ताकि यूजर के अनुभव को सभी नए अपडेट्स की मदद से और बेहतर बनाया जा सके।
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मोबाइल विज्ञापनों पर भी खर्च होता है डेटा
मोबाइल डेटा एड्स और गैर जरूरी आर्टिकल्स में भी खर्च होता है। ओपेरा सॉफ्टवेयर की प्रोडक्ट मैनेजर सर्गी लोसेव के मुताबिक कई एप्स डेटा बचाने के लिए नहीं बल्कि एक अच्छे यूजर अनुभव के लिए बनाई जाती हैं। अधिकांश लोग बैकग्राउंड मोबाइल डेटा के फायदे और नुकसान से भी अनजान हैं। कई एप्स में ऐसी कोई भी स्पेशल सेटिंग्स नहीं होती जिसके जरिए मोबाइल डेटा को ऑन करते ही बैकग्राउंड डेटा को बंद किया जा सके।
बैकग्राउंड डेटा को बंद करने के लिए हैं एप
मोबाइल बैकग्राउंड डेटा यूज को कम करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर बहुत से एप मौजूद हैं, आप मोबाइल डेटा मैनेजमेंट एप्स जैसे कि ओपेरा मैक्स, मोबाइल डेटा यूसेज, सीएम सिक्योरिटी आदि का यूज कर डेटा को ट्रैक और मैनेज कर सकते हैं। स्मार्ट एलर्ट के जरिए ओपेरा मैक्स की डेटा बचाने की क्षमता कई ज्यादा बढ़ गई है। ये उन एप्स को आईडेंटिफाई और मैनेज करता है जो मोबाइल डेटा खर्च कर रही होती है। अगर आपको भी लगता है कि कोई एप ज्यादा डेटा खा रही है तो ऐप खुद भी बंद कर सकते हैं। केवल सोच कर देखें कि अपने 30 फीसदी डेटा को बचा कर आप किता काम कर सकते हैं।
मैनुअल सेटिंग्स से भी बंद कर सकते हैं बैकग्राउंड डेटा
बैकग्राउंड डेटा को कम करने के लिए कई एप के अलावा आपके फोन में मैनुअल सैटिंग्स भी मौजूद हैं। इसके लिए आप सैटिंग्स में एप मैनेजर पर जाकर एप को स्टॉप कर सकते हैं। लेकिन इससे आपकी एप की फंक्शनैलिटी पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा आपके एंड्रॉएड फोन की सैटिंग में मोबाइल डेटा यूज का विकल्प आता है। इसमें प्रत्येक एप ने कितना डेटा कंज्यूम किया, इसकी जानकारी होती है। यहां आप इंडिविजुअल एप पर जाकर बैकग्राउंड डेटा को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं।