नई दिल्ली। बरेली में रहने वाले कार्तिक को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद पहली जॉब चेन्नई में मिली। कुछ दिन कंपनी गेस्ट हाउस में गुजारने के बाद कार्तिक ने किराए पर एक फ्लैट ले लिया। लेकिन नई जगह पर उसे सबसे बड़ी समस्या खाने पीने को लेकर थी। कार्तिक अपनी जरूरत का खाना पकाना जानता था। लेकिन चेन्नई में उसके पास रसोई गैस का कनेक्शन नहीं था। वहीं नई जगह पर नए कनेक्शन के लिए जरूरी कागजात भी उसके पास नहीं थे। इस बीच कार्तिक के पिता को उनके मित्र ने एलपीजी (LPG) के एक नियम के बारे में बताया, जिसके तहत वे अपने बेटे के नाम अपना गैस कनेक्शन ट्रांसफर कर सकते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज इसी प्रक्रिया को सरल तरीके से आपके सामने पेश कर रही है। इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि यदि परिवार के मुखिया जिसके नाम पर गैस कनेक्शन है, यदि उसकी मृत्यु हो जाती है तो किस प्रकार वह कनेक्शन परिवार के दूसरे सदस्य के नाम ट्रांसफर किया जाए।
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अपने बच्चे के नाम पर कैसे ट्रांस्फर कराएं गैस कनेक्शन
घर के किसी भी सदस्य के नाम पर गैस कनेक्शन ट्रांस्फर कराना अब आसान हो गया है। अगर जिस के नाम पर आप ट्रांस्फर करना चाहते हैं उसके पास एलपीजी कनेक्शन नहीं है तो इस स्थिति में डिस्ट्रिब्यूटर को रिक्वेस्ट डालें। इसके साथ नीचे दिए गए सभी दस्तावेज होने अनिवार्य हैं-
- ट्रांस्फरी का केवाइसी(पहचान संबंधी प्रमाणपत्र जैसे आधारकार्ड, पैनकार्ड)
- पते का प्रमाण
- आप के नाम पर असल सब्सक्रिप्शन वाउचर्स (एसवी), यदि एसवी नहीं है तो हलफनामा जमा कराएं
- ट्रांस्फरी की ओर से डेक्लेरेशन
दस्तावेज जमा करने के बाद कंपनी केवाइसी वैरिफाई करेगी, ट्रांस्फर के लिए दिए गए पते पर विभिन्न कनेक्शन की जांच की जाएगी। उसके बाद डिस्ट्रिब्यूटर ट्रांस्फरी के नाम पर एक नया एसवी बनाएगी। सिक्योरिटी डिपॉजिट असल एसवी के जितनी ही रहेगी।
परिवार के मुखिया की मृत्यु की स्थिति में
अगर परिवार के मुखिया(जिसके नाम पर गैस का कनेक्शन है) की मृत्यु हो चुकी है और आप कानूनी रुप से उत्तराधिकारी है तो अपने नाम पर ट्रांस्फर कराने के लिए प्रक्रिया का पालन करना होगा। हालांकि अब गैस कनेक्शन को ट्रांस्फर कराने की प्रक्रिया को और आसान बना दिया गया है। यदि ट्रांस्फरी के नाम पर एलपीजी कनेक्शन नहीं है तो अपने डिस्ट्रिब्य़ूटर को रिक्वेसट करें। साथ इन दस्तावेजों को जमा कराएं-
- उत्तराधिकारी की ओर से घोषणा (Declaration by Legal Heir)
- डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी
- उत्तराधिकारी का केवाइसी
- पते का प्रमाण पत्र
- मृत व्यक्ति के नाम पर असल एसवी, एसवी न होने की स्थिति में हलफनामा जमा कराएं
केवाइसी वैरिफाई किया जाएगा, ट्रांस्फर के लिए दिए गए पते पर विभिन्न कनेक्शन की जांच की जाएगी उसके बाद डिस्ट्रिब्यूटर ट्रांस्फरी के नाम पर एक नया एसवी बनाएगी। सिक्योरिटी डिपॉजिट असल एसवी के जितनी ही रहेगी।