नई दिल्ली: बैंकों की ओर से चंद मिनटों में ऑनलाइन एप्रोवल देने और दो से तीन दिनों में आपके घर क्रेडिट कार्ड भेजने के दावों के बावजूद तमाम उपभोक्ता यह सुविधा लेने से वंचित रह जाते हैं। वसुन्धरा, गाजियाबाद के रहने वाले कार्तिक तमाम बैंकों में क्रेडिट कार्ड की एप्लीकेशन डाल चुके हैं लेकिन कुछ दिनों की प्रक्रिया के बाद सभी बैंकों की ओर से एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई है। बैंकों की ओर से रिजेक्शन मेल में अक्सर ग्राहकों को इंटरनल पॉलिसी को एप्लीकेशन रिजेक्ट होने की वजह बताया जाता है। ऐसे में ग्राहक न तो एप्लीकेशन रिजेक्ट होने की असल वजह जान पाता है और ना ही अगले बैंक में एप्लीकेशन डालने से पहले गलतियां दोहराने से बच पाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्राहक का खराब सिबिल स्कोर, पहले से काफी कर्ज आदि तमाम ऐसी वजह हैं जो रिजेक्ट होने का कारण बनती हैं। BeAlert: छोटे अक्षरों में लिखे नियम और शर्तों में छिपी होती है ये जरूरी जानकारी
सिबिल स्कोर का बढ़ा महत्व
बॉम्बे ऑक्सीजन कॉपोरेशन लिमिटेड के कंपनी सेक्रेट्री बलवंत जैन के मुताबिक क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले बैंकों का प्रमुख ध्यान ग्राहकों के सिबिल स्कोर पर रहता है। स्कोर कम होने पर बैंक ग्राहक की एप्लीकेशन को रद्द कर देते हैं। ग्राहकों के सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पुराने वित्तीय लेन-देनों में अनियमित्ता बरतने से पहुंचता है। इसके अतिरिक्त बहुत ज्यादा क्रेडिट कार्ड होना, ग्राहक पर पहले से काफी लोन होना आदि तमाम ऐसी वजह हैं जो ग्राहकों के सिबिल स्कोर को खराब करती हैं। डॉरमेंट बैंक अकाउंट पड़ सकता है जेब पर भारी, जानिए कैसे कर सकते हैं दोबारा चालू
ये हैं क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन रद्द होने के मुख्य कारण
1. पहले से भारी कर्ज
क्रेडिट कार्ड की अर्जी देने वाले ग्राहक पर पहले से ही अगर बैंकों के बड़े कर्जे हैं तो बैंक एसी स्थिति में बैंक क्रेडिट कार्ड की एप्लीकेशन को रद्द कर देते हैं। ये कर्ज पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया किसी भी रूप में हो सकते हैं।
2. क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल
ग्राहक के पास पहले से उपलब्ध क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अगर नहीं किया जा रहा तो बैंक नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर संकोच करते हैं। मसलन किसी ग्राहक पर पहले से किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड है और वह उसमें उपलब्ध राशि के एक छोटे से हिस्से का ही इस्तेमाल करता है तो ऐसी स्थिती में उसके कार्ड की काफी राशी बिना इस्तेमाल के पड़ी रहती है।
3. कई बार एप्लीकेशन देने पर
किसी ग्राहक की ओर से अगर किसी छोटी सी अवधि में कई बार लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए अर्जी दे दी जाती है तो ऐसी स्थिति में बैंक क्रेडिट कार्ड की एप्लीकेशन को प्रोसिस नहीं करता हैं।
4. लगातार मिनिमम बैलेंस का पेमेंट
क्रेडिट कार्ड के बिल में बार-बार मिनिमम बैलेंस का पेमेंट कर देना ग्राहकों के पास नकदी के अभाव को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में बैंक ग्राहकों को नया क्रेडिट कार्ड जारी करने से कतराते हैं।
5. नई नौकरी बदलना
अगर कोई ग्राहक अपनी बदली हुई नौकरी में लंबे समय से कार्यरत नहीं है तो यह उसकी एप्लीकेशन को कमजोर करता है। बैंक ऐसे ग्राहकों को कार्ड जारी करने के लिए वरीयता देता है जो एक साल या इससे अधिक समय से वर्तमान संस्थान से जुड़े हैं।
6. आय कम होना
अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपकी सैलरी कम होना या किसी अन्य व्यवसाय में मासिक आमनदनी कम होना आपरी क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन के रिजेक्ट होने का कारण बन सकती है।
7. 18 वर्ष से कम उम्र
क्रेडिट कार्ड के लिए अर्जी देने वाले ग्राहक की उम्र अगर 18 वर्ष से कम है तो बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करने से बचते हैं। क्रेडिट कार्ड के लिए सामान्यत: 21 वर्ष की आयु तमाम बैंकों की ओर से निर्धारित की गई है।
8. क्रेडिट हिस्ट्री का अभाव
अगर क्रेडिट कार्ड के लिए एप्लीकेशन देने वाले ग्राहक के नाम पर कोई बैंक एकाउन्ट नहीं है या कुछ ही महीने पहले खुला है तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता की क्रेडिट हिस्ट्री काफी कम होगी। क्रेडिट हिस्ट्री कम होने पर बैंक क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन को प्रोसेस नहीं करते हैं।
9. ऑफिस या घर पर वैरिफिकेशन निगेटिव होना
क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन देने के बाद बैंकों की ओर से ग्राहक के घर और दफ्तर दोनों ही जगह पर टेलीफोनिक और फिजिकल वैरिफिकेशन की जारी है। अगर किसी भी वैरिफिकेशन के नकारात्मक हो जाने पर कार्ड की एप्लीकेशन तुरंत रद्द हो जाती है।
10. एप्लीकेशन फार्म भरने में लापरवाही
कई बार जल्दबाजी में एप्लीकेशन फॉर्म भरने पर ग्राहक से गलतियां हो जाती है। जिसकी वजह से एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाती है। ध्यान रहे कि एप्लीकेशन के साथ दिए जा रहे दस्तावेज और एप्लीकेशन में भरी जाने वाली सूचना में किसी तरह का कोई अंतर न हो।
बलबंत जैन के मुताबिक उपरोक्त लिखी बातों का ध्यान रखकर अगर कोई ग्राहक वित्तीय लेन देन में सावधानी बरतता है तो इससे उसके सिबिल स्कोर को बल मिलता है और क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन की प्रोसेसिंग में आसानी रहती है।