नई दिल्ली। कार्तिक बहुत दिनों से एक नया मोबाइल फोन खरीदने की सोच रहा था। उसने कई सारे मोबाइल फोन के रिव्यू देखे। उनमें से एक फोन पसंद किया। प्राइस कंपेरिजन करने पर लगभग सभी वेबसाइट्स पर इस फोन के दाम 11,999 रुपए थे। लेकिन एक वेबसाइट वही फोन 8,500 पर दिखाई दिया। लेकिन वहां उस फोन के आगे रिफर्बिश्ड लिखा हुआ था। कार्तिक के लिए ये अच्छी डील हो सकती थी। लेकिन उसने 11,999 में वही मोबाइल खरीद लिया जो उसे 20 फीसदी कम कीमत पर मिल सकता था। भारत में स्मार्टफोन और गैजेट्स का ई-कॉमर्स कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच रिफर्बिश्ड और अनबॉक्स जैसे शब्द भी काफी आम हो गए हैं। लेकिन कार्तिक की तरह ही बहुत से कंस्टमर्स इन शब्दों को नहीं समझ पाते, जो उन्हें एक बेहतर डील दिला सकते हैं। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है रिफर्बिश्ड और अनबॉक्स प्रोडक्ट के बारे में। जो अगली बार शॉपिंग के वक्त आपके मददगार हो सकते हैं।
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क्या होते हैं रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स
सामान्य शब्दों में कहा जाए तो ये सेकेंड हैंड प्रोडक्ट होते हैं जो ग्राहक किसी भी तरह की परेशानी के तहत कंपनी को वापस लौटा देता है। इन्हें विक्रेता कंपनी ब्रांड और सर्टिफाइड एजेंट्स रिपेयर कर नए मोबाइल फोन जैसी वर्किंग स्थिति में बिक्री के लिए उपलब्ध कराते हैं। प्रोडक्ट को जांचा जाता है, साफ किया जाता है और फिर तमाम दिक्कतों को दूर कर के ब्रैंड स्पेसिफिकेशन्स के मुताबिक ठीक कर दिया जाता है। कंपनियां रिफर्बिश्ड फोन पर नए फोन के बराबर ही वारंटी भी देती हैं। इसके बाद इसे फिर से पैक किया जाता है और रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट के रूप में दोबारा बेच दिया जाता है। ये प्रोडक्ट्स बाजार में काफी कम कीमत में मिल जाते हैं। डिवाइस को वापस करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि स्क्रैच, डेंट, कहीं से टूटा होना आदि।
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क्या होता है अनबॉक्स्ड प्रोडक्ट
अक्सर हमें कुछ प्रॉडक्ट कम कीमत पर मिलते हैं, लेकिन इनके सामने रिफर्बिश्ड नहीं बल्कि अनबॉक्स्ड लिखा होता है। ये सील ओपन प्रोडक्ट होते हैं। मसलन, ग्राहक ने बॉक्स को खोला था और फिर किन्ही वजहों से वापस कर दिया। ये एकदम नए जैसा होता है, ओरिजनल डिब्बे और एक्सेसरीज के साथ आता है, नॉन डिफेक्टिड होता है। क्वालिटी भी टेस्डिड होती है। अनबॉक्स्ड मोबाइल और टैबलेट पर भी कंपनी नए फोन की तरह वारंटी देती है।
समझिए इसकी पूरी साइकल
आप किसी शोरूम में गए और आपने वहां डिस्प्ले में प्रोडक्ट देखा। ये प्रोडक्ट नया या फ्रैश नहीं होता। इसे के बाद इसे कंपनी भेज दिया जाता है और दिक्कत जांचने के बाद रिपेयर कर दिया जाता है। अब इसे रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट के नाम पर सेल के लिए रख दिया जाता है।
क्या हैं इसे खरीदने के फायदे
इसे खरीदने के पीछे का मुख्य कारण कम कीमत होती है। वहीं इस पर ग्राहक को वही कंपनी वारंटी मिलती है, जो कि नए फोन पर दी जाती है। आपको कम कीमत पर नए जैसा ही मोबाइल मिल जाता है। आज सिर्फ मोबाइल या दूसरे गैजेट ही नहीं कई कंपनियां टीवी, फ्रिज और दूसरे अप्लाइंसेस भी रिफर्बिश्ड कर बेच रही हैं। ग्राहक को अप-टू-डेट प्रोडक्ट काफी कम कीमत पर मिल जाते हैं। मान लीजिए अगर आप फ्रिज खरीद रहे है, और बैक साइड पर एक छोटे से डेंट की वजह से आपको यह कुछ हजार रुपए कम कीमत में मिल जाता है। तो आपके लिए फायदेमंद ही है।
रिफर्बिश्ड लेने से पहले किन बतों को रखें ख्याल
अगर मोबाइल फोन लेने जा रहें हैं तो पहले फोन की बैटरी निकाल कर उसके नीचे दिए गए ईएसएन नंबर यानि कि इलेक्ट्रोनिक सीरियल नंबर को देख लें। यह हर फोन में अलग होता है। इस नंबर के जरिए फोन के मैन्युफैक्चर से संपर्क करें और जान लें कि इसका पहले कौन मालिक था। अगर फोन चोरी है या फिर मैन्युफैक्चर को लौटाया हुआ है तो ये जानकारी मैन्युफैक्चर्र के रिकॉर्ड में जरूर होगी। जो आपको फोन बेच रहा है उससे उसके वारंटी पीरियड के बारे में जान लें। कुछ रिफर्बिश्ड फोन की वारंटी एक्डेंड कर देते हैं लेकिन कुछ नहीं भी करते। केवल विश्वसनीय डीलर, रिटेलर या मैन्युफैक्चर्र से ही खरीदें। डीलर की रिटर्न पॉलिसी को भी जांच लें। अगर किसी भी रिटर्न की अनुमति नहीं है तो सर्तक रहें।