नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न (Return) फाइल करते समय अधिकांश टैक्सपेयर्स अनजाने में गलती कर देते हैं। इनमें से सबसे अहम गलतियां आय की जानकारी अधूरी देना या गलत देना, बिना क्लेम की गई कटौतियां शामिल करना है, टैक्स रिफंड में पता और बैंक अकाउंट में गलती आदि होती हैं। समय से रिटर्न फाइल करने से गलती को सुधारने का मौका मिल जाता है। ऐसे में की गईं गलतियों को सुधारा भी जा सकता है। इंडिया टीवी पैसा की टीम आ पूरी प्रक्रिया के बारे में बताने जा रही है जिसके माध्यम से अाप टैक्स रिटर्न में की गई गलतियां बिना किसी हर्जाने के सुधार सकते हैं।
अगर नहीं कर पाए रिटर्न फाइल तो घबराए नहीं, आपके पास है अब यह विकल्प
इन कारणों से होती हैं गलतियां
फार्म भरते वक्त जानकारी के अभाव में गलती कर देना आम बात है। लेकिन कई बार तकनीकी कारण से भी गलतियां होती हैं। नए टैक्स नियमों में बदलाव की जानकारी न होने के कारण टैक्सपेयर्स को रिटर्न रिवाइज करनी पड़ती है। उदाहरण के लिए, नए टैक्स नियम के अनुसार, वित्त वर्ष में 50 लाख रुपए से अधिक आय होने की स्थिति में अपनी संपत्ति और देनदारी के लिए डेक्लेरेशन फाइल करना होगा। यह जानकारी कुछ ही टैक्सपेयर्स के पास थी जिस वजह से इस बार बेहद कम लोगों ने इस रिपोर्ट किया है।
कौन जमा कर सकता है दौबारा रिटर्न
समय से रिटर्न फाइल करने से गलती होने पर उसे सुधारने का समय मिल जाता है। अगर रिटर्न ऑनलाइन भरा है तो वैरिफाई करने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार रिटर्न वैरिफाई होने के बाद इनकम टैक्स विभाग प्रोसेसिंग की प्रक्रिया शुरू कर देता है। इसलिए बेहतर है कि फाइल करते समय गलती दिखने पर उसे तुरंत सही करें, अपनी रिटर्न को रिव्यू करें और उसके बाद रिवाइज्ड रिटर्न जमा कराएं। इसके बाद अपनी रिवाइज्ड रिटर्न को वैरिफाई करें।
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अगर रिटर्न फाइल करने के बाद आपको कोई गलती दिखती है तो जुर्माने से बचने के लिए सही करने के बाद रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर दें। इनकम टैक्स कानून सेक्शन 139(5) के तहत करदाताओं को गलती सुधारने के लिए मौका देता है जिसमें रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न जमा करा सकते हैं। आपको बता दें कि असेसेंट ईयर 2017-18 के लिए इनकम टैक्स विभाग ने तय तारिख के बाद फाइल किए गए रिटर्न के लिए रिविजन को मंजूरी दे दी है।
कितनी बार अपनी रिटर्न को रिवाइज कर सकते हैं?
अगर आपने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 5 अगस्त को या उससे पहले फाइल किया है तो 31 मार्च 2017 तक आप कितनी भी बार रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा बार रिटर्न को रिवाइज करते हैं तो आपके टैक्स रिटर्न की समीक्षा की जा सकती है। यदि आप जान-बूझकर गलत रिटर्न फाइल करते हैं तो सेक्शन 277 के तहत जेल हो सकती है। साथ ही आपको बकाया टैक्स का 100 से 300 फीसदी तक की राशि जुर्माने के रुप में देनी पड़ सकती है।
कैसे फाइल करें रिवाइज्ड रिटर्न?
रिवाइज्ड रिटर्न को फाइल करने के लिए अपना एक्नॉलेजमेंट नंबर और रिटर्न फाइल करने की असल तारीख रिवाइज्ड फॉर्म में डालें। अगर आप एक से ज्यादा बार रिटर्न फाइल कर रहे है तो आपको सबसे पहले एक्नॉलेजमेंट नंबर के साथ केवल मूल रिटर्न फाइलिंग की तारीख डालें। ऑनलाइन या फिजिकल मोड किसी भी माध्यम से रिवाइज्ड रिटर्न फाइल की जा सकती है। आप ऑनलाइन रिटर्न केवल उस स्थिति में फाइल कर सकते हैं जब आपको आईटी विभाग 15 अंकों का एक्नॉलेजमेंट नंबर दे दे।
अपने रिटर्न को वैरिफाई करें
ऑनलाइन फाइल की गई रिवाइज्ड रिटर्न को वैरिफाई जरूर करें। इसे नेट बैंकिंग या आधार ओटीपी आदि के माध्यम से वैरिफाई किया जा सकता है। आप फिजिकल ITR-V बैंगलुरु के सीपीसी में भी भेज सकते हैं। इसके बाद अपनी रिटर्न की कॉपी या फाइल अपलोड करने के बाद आईटी विभाग आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर ITR-V को अटेचमेंट के रूप में भेज देगा।