नई दिल्ली। दिल्ली में रहने वाले कार्तिक पिछले एक साल से क्रेडिट कार्ड यूज कर रहे हैं। वे हमेशा समय से क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाते थे। इस बार भी उन्होंने समय से चेक के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का भुगतान कर दिया। लेकिन इसके बावजूद बैंक ने कार्तिक पर लेट पेमेंट चार्ज ठोक दिए। कार्तिक ने इसकी शिकायत बैंक से की, लेकिन न तो इस पर कोई सुनवाई हुई और न ही बैंक ने कोई कार्रवाई की। हारकर कार्तिक को गलती न करने पर भी जुर्माना भरना पड़ा। कार्तिक की तरह ही अक्सर हम लोग भी बैंक की इन्हीं गलतियों के शिकार होते हैं, लेकिन उचित माध्यम न होने के चलते कार्रवाई नहीं कर पाते। लेकिन शायद आपको पता नहीं बल्कि आपके पास बैंकिंग लोकपाल एक बेहद मजबूत अधिकार है। बैंक के सर्विस सेक्टर में अगर आपकी किसी शिकायत को अनसुना किया जा रहा है तो आप बैंकिंग लोकपाल का दर्वाजा खटखटा सकते हैं।
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कौन होता है बैंकिंग लोकपाल
बैंकिंग लोकपाल एक वरिष्ठ अधिकारी होता जिसे आरबीआई बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए नियुक्त करता है। मौजूदा समय में 15 बैंकिंग लोकपाल नियुक्त किए गए हैं। जिनके ऑफिस अधिकतर राज्यों की राजधानी में हैं। इस योजना के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक,क्षेत्रीय ग्रमीण बैंक और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक शामिल हैं। कोई भी अधिकृत प्रतिनिधि शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि बैंकिंग लोकपाल शिकायत का निवारण करने के लिए किसी भी तरह का कोई भी शुल्क नहीं लगता।
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किस प्रकार के मामलों में लोकपाल तरजीह देता है-
- किसी भी तरह के भुगतान या चेक, ड्राफ्ट, बिल के कलेक्शन में देरी या न होने के स्थिति में।
- आरबीआई के निर्देशों में निर्धारित शुल्क से ज्यादा लेने के संबंध में सुवाई की जाती है।
- बैंक की ओर से की गई लापारवाही या पिर किसी और वजह से चेक के भुगतान में देरी को लेकर भी शिकायत दर्ज करा सकते है।
- अगर बैंक एकाउंट खोलने या बंद करने में किसी भी तरह की आनाकानी के विषय में शिकायत कर सकते हैं। 5. आरबीआई के निर्देश अनुसार से ब्याज दरों को मुहैया न कराना या फिर तय सीमा से ज्यादा लेना भी शिकायत का विषय है।
- आरबीआई की ओर से दिए गए क्रेडिट या डेबिट कार्ड संबंधी निर्देशों के उल्लंघन पर भी शिकायत कर सकते है।
- अगर बैंक आपको किसी भी सेवा के लिए माना करता है।
- यदि बैंक कर भुगतान लेने से मना कर दे।
- अगर बैंक बिना किसी कारण के डिपॉजिट एकाउंट खोलने को मना कर दे।
- अगर बैंक किसी भी पूर्व सूचना के बिना अपने उपभोक्ताओं से ज्यादा शुल्क लेता है तो उस स्थिति में भी आप शिकायत दर्ज करा सकते है।
- बिना पर्याप्त सूचना और वाजिब कारण के आपके डिपॉजिट एकाउंट को जबरन बंद करना
- आपके एकाउंट को बंद में देरी या फिर माना करना
- बैंकों की ओर से पारदर्शी प्रक्रिया कोड का पालन न करना
- बैंकिंग और अन्य सेवाओं के संबंध में आरबीआई की ओर से जारी निदेशों के उल्लंधन से संबंधित अन्य कोई मामला
- काम करने के निर्धारित समय का पालन न करना
- बैंक के लिखित निर्देशों के बावजूद किसी भी सेवा लोन के अलावा मुहैया करने में नाकामी या देरी की स्थिति में भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
- ड्राफ्ट, भुगतान आदेश और बैंकर्स चेक जारी करने में देरी या जारी न करना
- सिक्कों को बिना किसी पर्याप्त कारण के स्वीकार न करना और उसके संबंध में कमीशन लेना
कैसे करें बैंकिंग लोकपाल में शिकायत
इसके लिए पहले आपको अपने बैंक में शिकायत दर्ज करानी होगी। यदि आपके पास एक महीने के भीतर बैंक से कोई जवाब नहीं आता या फिर आप जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते है। शिकायतें लिखित में पोस्ट यो फैक्स के जरिए की जाती है। ऑनलाइन शिकायतें ई-मेंल के जरिए की गई भी स्वीकार हो जाती है।
बैंकिंग लोकपाल के कार्यालय के पते, फोन नंबर और ईमेल जानने के लिए यहां क्लिक करें
https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=164
ऑनलाइन एप्लाई करने के लिए
https://secweb.rbi.org.in/BO/precompltindex.htm
शिकायत में ये जरूर लिखें-
- शिकायत में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी जरूर दें
- जिस बैंक के खिलाफ शिकायत कर रहें है 3. उसका नाम, पता औक ब्रांच
- शिकायत करने की वजह
- नुकसान की प्रकृति और संदर्भ
- क्या राहत चाहते है।