नई दिल्ली। बैंक पासबुक, इंश्योरेंस पॉलिसी, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, म्यूचुअल फंड में निवेश से संबंधित दस्तावेज आदि गुम होने पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि दस्तावेज खो जाने पर उन्हें दोबारा कैसे बनवाया जा सकता है। इन सभी जरूरी कागजात को बनवाने की प्रक्रिया काफी आसान है। हम आपको यहां बजा रहे हैं कि यदि आपके दस्तावेज खो जाते हैं तो आप इन्हें दोबारा कैसे बनवा सकते हैं।
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1.ऐसे बनवाएं दोबारा बैंक पासबुक
बैंक की पासबुक गुम हो जाने पर बैंक को सूचित करें। इसके बाद डुप्लीकेट पासबुक के लिए बैंक में आवेदन करें। डुप्लीकेट पासबुक के लिए कई बैंक कुछ शुल्क वसूलते हैं और कुछ बगैर किसी शुल्क के इसे जारी करते हैं। अगर आप सरकारी बैंक में आवेदन कर रहें हैं तो बैंक आपसे FIR की कॉपी की मांग करते हैं। इसके बाद आपको डुप्लीकेट पासबुक जारी कर दी जाती है।
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2. इंश्योरेंस पॉलिसी
इंश्योरेंस पॉलिसी के डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट्स के लिए संबंधित कंपनी में आवेदन करें। कंपनी डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट्स इश्यू करने से पहले गैर अदालती स्टैम्प पेपर पर आपसे आपकी जानकारी मांगती है। आवेदन पत्र भरते समय आपको अपनी पॉलिसी नंबर, पॉलिसी जारी करने का स्थान, दिनांक आदि जैसी जानकारियां भी देनी होती हैं। इसके बाद बीमा कंपनी इन दस्तावेजों के आधार पर डुप्लीकेट पेपर जारी कर देती है।
3. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के पेपर्स खो जाने पर सबसे पहले पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाएं। इसके बाद स्टैम्प पेपर पर एक बॉन्ड भरें और पेपर गुम होने की सारी जानकारी दें। साथ ही किसी एक हिन्दी और अंग्रेजी अखबार में NSC पेपर खोने का विज्ञापन दें। इसके बाद एक गारंटर को लाएं, जो आपको जानता हो। इस पूरी प्रक्रिया के बाद आपको NSC के डुप्लीकेट पेपर्स मिल जाएंगे।
4. म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड में निवेश से संबंधित डुप्लीकेट दस्तावेजों के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी को आवेदन करें, जिसके बाद वह कंपनी आपसे बैंक डिटेल, निजी जानकारी और निवेश खाता नंबर की मांग करेगी। साथ ही इसके लिए पैन कार्ड की एक कॉपी भी जमा कराएं। फिर एसेट मैनेजमेंट कंपनी डुप्लीकेट दस्तावेद आपको उपलब्ध करवा देगी। कंपनी इन दस्तावेज की एक कॉपी आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर भी भेजेगी।
जानिए कैसे रखें अपने दस्तावेजों को सुरक्षित
अपने जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए आप इन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉरमेट में रख सकते हैं। अधिकांश सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां निवेश के दस्तावेजों को इस फॉर्मेट में रखने की सुविधा भी देती हैं। ऐसा करने से एड्रेस बदलना, बैंक अकाउंट बदलना या नॉमिनी का नाम बदलने जैसे काम आप ऑनलाइन ही कर सकते हैं। साथ ही अगर आपके पास हार्ड कॉपी है, तो उसे स्कैन कर के आप अपने ईमेल पर भी सुरक्षित रख सकते हैं।