नंबर पोर्टेबिल्टी की सुविधा आने के बाद टेलिकॉम ग्राहकों को फायदा हुआ है। ग्राहकों को अपने साथ जोड़े रखने के लिए टेलिकॉम कंपनियां समय-समय पर आकर्षक ऑफर भी पेश करती हैं, ताकि वह किसी और नेटवर्क पर स्विच न करें। मोबाइल नंबर पोर्टेबिल्टी की प्रक्रिया बेहद आसान है। जानिए कैसे कर सकते हैं आप अपना नंबर पोर्ट।
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- मोबाइल नंबर पोर्टेबिल्टी के लिए अपने मैसेज बॉक्स में जाकर टाइप करें PORT स्पेस देकर मोबाइल नंबर लिखें और 1900 पर भेज दें। इसके बाद आपको यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) भेजा जाएगा। यह कोड केवल 15 दिन तक वैध रहता है। (ध्यान दें- जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी और असम के इलाकों में यह सेवा 30 दिनों तक वैध रहती है।)
- अब आप अपने मोबाइल ऑपरेटर के करीबी कस्टमर सर्विस सेंटर पर जाएं या फिर जिस ऑपरेटर की आप सर्विस लेना चाहते हैं उसके रिटेल आउटलेट पर जाएं। वहां जाकर फॉर्म भरें और 19 रुपए की राशि जमा करवा दें। फॉर्म में आपको अपना UPC कोड डालना होगा। इसके साथ ही अपना पहचान और पते का प्रमाण पत्र देने के साथ ही आपको अपनी पासपोर्ट साइज फोटो देनी होगी।
- भुगतान और दस्तावेज जमा करने के बाद कस्टमर सेंटर आपको एक नई सिम देगा। एक दिन के भीतर आपको पोर्टेबिल्टी के कंफर्मेशन का मैसेज जा जाएगा।
- आपका नंबर 7वें कार्यदिवस पर बदल दिया जाएगा। ऑपरेटर की ओर से आपके पास पोर्टिंग की तारीख और समय के साथ एक मैसेज आ जाएगा। पोर्टेबिल्टी प्रक्रिया के लिए लगभग 2 घंटे के लिए नंबर बंद किया जाता है।
- नई सिम का अपने फोन में डालें और इसके साथ ही आप नए नेटवर्क में आ जाएंगे वो भी अपने पुराने नंबर के साथ।
एक बार अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करने के बाद आपको नए टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ कम से कम तीन महीने तक जुड़ा रहना होगा। यह अनिवार्य है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र सर्कल का नंबर अब केरल सर्कल में भी पोर्ट कराया जा सकता है। इसके साथ ही दिल्ली सर्कल में आप अपने नंबर को वोडाफोन से हटवाकर टाटा, रिलायंस या फिर आइडिया के साथ भी जोड़ सकते हैं।