नई दिल्ली: मोबाइल वॉलेट (Mobile Wallet) के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि हम कैशलेस सोसायटी की ओर बढ़ रहे हैं। मोबाइल वॉलेट की मदद से न सिर्फ फोन को रिचार्ज कराया जा सकता है बल्कि कैब सेवा, सब्जी-फल खरीदना, बिजली-पानी के बिल जमा करना और डीटीएच रिचार्ज आदि कराने जैसे तमाम काम को अंजााम दिया जा सकता है।
क्या होता है मोबाइल वॉलेट
मोबाइल वॉलेट एक तरह का डिजिटल वॉलेट होता है जहां पर कैश को स्टोर कर सकते हैं और उसके जरिए पेमेंट कर सकते हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक प्रीपेड एकाउंट है, जिसके माध्य्म से बिना कार्ड को स्वाइप करे सब्जियों से लेकर मूवी टिकट के लिए पेमेंट कर सकते हैं।
भारत में 15 फीसदी इंटरनेट यूजर्स खरीदारी के लिए मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं। 6W रिसर्च के मुताबिक यह संख्या देश में उपयोग हो रहे कुल क्रेडिट कार्ड से 6 गुना अधिक है।
तस्वीरों में जानिए मोबाइल वॉलेट के बारे में
Mobile wallet
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
मोबाइल वॉलेट को कहां कर सकते हैं इस्तेमाल
-इसकी मदद से आप अपने मोबाइल फोन और डीटीएच रिचार्ज कर सकते हैं।
-बिजली, पानी, गैस कनेक्शन, इंटरनेट आदि के बिल का भुगतान कर सकते हैं
-एक एकाउंट से दूसरे एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
-ऑफलाइन और ऑनलाइन रिटेलर के साथ वित्तीय संबंध स्थापित कर सकते हैं। आप मूवी की टिकट, एयरलाइन, होटल के रूम बुक और हॉलिडे पैकेज भी खरीद सकते हैं।
एम वॉलेट 3 तरह के होते हैं-
- ओपन– ओपन वॉलेट के जरिए यूजर गुुड्स और सर्विसेज के अलावा पैसे को रिडीम और कैश की निकासी कर सकते हैं। इसके उदाहरण आईसीआईसीआई बैंक पॉकेट, एचडीएफसी बैंक पेजैप, एसबीआई बडी है।
- सेमी क्लोज्ड- इनके इस्तेमाल से आप गुुड्स और सर्विसेज कुछ चुनिंदा मर्चेंट से खरीद सकते हैं। इसमें फाइनेंशियल सर्विसेज भी शामिल हैं। लेकिन इसमें आप पैसे को रिडीम या कैश की निकासी नहीं कर सकते हैं। इसके उदाहरण पेटीएम, मोबीक्विक, सिटरस, पेयूमनी, ऑक्सिजन, एम पैसा हैं।
- क्लोज्ड- इनके इस्तेमाल से किसी एक विशेष मर्चेंट से गुुड्स या सर्विसेज खरीद सकते हैं। इससे मिले रिफंड का इस्तेमाल उसी विशेष मर्चेंट के साथ वित्तीय लेन-देन के लिए कर सकते हैं। इसमें किसी भी तरह की रिडेम्पशन या पैसे कि निकासी की अनुमती नहीं है। इसके उदाहरण बुकमायशो, मेकमाइट्रिप, फ्लिपकार्ट हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
स्टेप 1- सबसे पहले iOS, एंड्रॉयड या विंडो फोन पर एप डाउनलेड करें। इसके बाद सर्विस प्रोवाइडर के साथ अपनी ई-मेल आईडी के जरिए साइन अप करें।
स्टेप 2- अगले स्टेप में अधिकतम 10,000 रुपए तक की राशि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से डाल सकते हैं। कुछ एम वॉलेट में उनके ऑफलाइन स्टोर पर जाकर भी पैसे डाले जा सकते हैं।
स्टेप 3- पैसे ट्रांसफर, टिकट बुकिंग या बिल का भुगतान करने के लिए पासवर्ड या फिर ट्रांजैक्शन के वक्त जनरेट हुुए पिन का इस्तेमाल करें।
किस तरह यूजर्स को मिलता है फायदा-
तुरंत पेमेंट- इसके जरिए बिना पर्स या वॉलेट रखे तुरंत पेमेंट कर सकते हैं।
वन स्टॉप शॉप- यूजर्स एक ही छत के नीचे कई विभिन्न मर्चेंट्स के गुुड्स और सर्विसेज का लाभ उठा सकते हैं।
वन क्लिक पेमेंट- बिना कार्ड डिटेल्स और बैंक पासवर्ड को याद रखें एक क्लिक में पेमेंट कर सकते हैं।
तुरंत रिफंड– बिना किसी क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में देरी के रिफंड्स खाते में डाल दिए जाते हैं।
रिवॉर्ड एंड ऑफर्स- इसमें डिस्काउंट और कैश बैक विकल्प मिलते हैं, उदाहरण के तौर पर पेटीएम के जरिए बस टिकट पर 120 रुपए कैश बैक ऑफर या फिर बुकमायशो के जरिए मूवी टिकट पर 20 फीसदी तक की छूट।
इन बातों का रखें ध्यान
- एम वॉलेट के लिए स्मार्टफोन पर इंटरनेट कनेक्टीविटी दुरुस्त होनी चाहिए। हालांंकि कुछ एप्स 2जी नेटवर्क के लिए भी ऑप्टिमाइज की हुई हैं।
- इसमें नॉन केवाइसी वैरिफाइड वॉलेट में 10,000 रुपए तक डाल सकते हैं और एक लाख तक अन्य में। इनका इस्तेमाल हाई वैल्यूू ट्रांजैक्शन में नहीं किया जा सकता है।
- लिस्टेड मर्चेंट्स की संख्या सीमित है इसलिए कार्ड और कैश अपने पास हमेशा रखने पड़ेंंगे।
- स्मार्टफोन गुम हो जाने की स्थिति में एम वॉलेट की जानकरी को खतरा हो सकता है। प्वॉइंट ऑफ सेल के दौरान इंफॉर्मेशन चोरी भी हो सकती है।
- खराब कनेक्टीविटी की वजह से ट्रांजैक्शन कई बार सफल नहीं होती है और इसमें दिक्कत आ सकती है।
- अलग-अलग एम वॉलेट में इंटर-ऑपरेबिलिटी नहीं है।
मोबाइल वॉलेट का अधिकतर इस्तेेमाल पैसे ट्रांसफर (38 फीसदी) और मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज (30 फीसदी) के लिए किया जाता है। इसमें से 12 फीसदी लोग बिल का भुगतान करते हैं और बाकि 20 फीसदी अन्य काम के लिए करते हैं।
यह भी पढ़ें- Jio ने एप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया JioMoney Wallet
यह भी पढ़ें- पुराने लोन का Balance ट्रांस्फर करवाते वक्त ध्यान रखें ये 5 बातें