नई दिल्ली। PPF यानि कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में एक अच्छा, फायदेमंद और सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड की सविधा सिर्फ सरकारी या निजी कंपनी में जॉब करने वालों के लिए होती है। जबकि पीपीएफ खाते का दायरा काफी बड़ा होता है। यह खाता कोई भी खुलवा सकता है। इसका लॉकिंग पिरियड 15 वर्षों का होता है। इसे खुलवाने से जहां आपको टैक्स की बचत तो होती ही है वहीं यहां जमा पैसा सबसे सुरक्षित भी होता है। पीपीएफ एकाउंट में जमा राशि को न तो कोई कोर्ट जब्त कर सकती है और न ही भारत सरकार। लेकिन फिर भी भारत में पीपीएफ खाते को लेकर आम लोगों में रुझान कम है। इसका प्रमुख कारण जागरुकता में कमी है। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने पाठकों को पीपीएफ से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी देने जा रहे हैं जैसे कि इस एकाउंट को कैसे खोल सकते हैं, इसपर कितना ब्याज मिलता है, इसकी अन्य खासियतें आदि।
जानिए पीपीएफ एकाउंट कौन खोल सकता है-
- भारत का कोई भी नागरिक पीपीएफ एकाउंट खोल सकता है।
- एनआरआई न तो पीपीएफ एकाउंट खोल सकते हैं और न ही अपनी मौजूदा पीपीएफ को मैच्योरिटी के बाद बढ़वा सकते हैं। जुलाई 2003 में आई नोटिफिकेशन के तहत एमआरआई बनने से पहले के एकाउंट को वे चालू रख सकते हैं।
- एचयूएफ यानि हिंदू एनडिवाइडिड फैमिली पीपीएफ एकाउंट नहीं खोल सकती है।
- पीपीएफ एकाउंट में किसी भी तरह की ज्वाइंट होल्डिंग नहीं हो सकती है। ये एकाउंट एक ही व्यक्ति के नाम पर खुल सकता है।
क्या पीपीएफ एकाउंट नाबालिगों के लिए खोला जा सकता है-
माता-पिता की देख रेख में पीपीएफ एकाउंट नाबालिगों के लिए खोला जा सकता है। माता पिता में से कोई भी संरक्षक बन सकता है।
कैसे खोला जाता है पीपीएफ एकाउंट
पीपीएफ एकाउंट पोस्ट ऑफिस या फिर कई बैंक जैसे कि आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ बरोडा, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, सिंडिकेट बैंक आदि में खोला जाता है। अधिकांश बैंको के पीपीएफ एकाउंट ऑनलाइन भी ऑपरेट किए जा सकते हैं। icici बैैंक द्वारा यह सुविधा ऑनलाइन उपलबब्ध कराई है। अब आप बिना कागज़ी कार्रवाई के घर बैठे पीपीएफ खाता खोल सकते हैं।
पीपीएफ पर ब्याज दरें-
- वित्तीय वर्ष 2017-18 (अप्रैल से जून तक) ब्याज दर 7.8 फीसदी है।
- वार्षिक आधार पर इसके ब्याज की गणना की जाती है और वित्तीय वर्ष के अंत में एकाउंट में क्रेडिट कर दी जाती हैं।
- पीपीएफ में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख से लेकर आखिरी दिन के बीच मिनिमम बैलेंस के आधार पर की जाती है। इसलिए हर महीने 5 तारीख से पहले निवेश करें।
क्या हैं पीपीएफ की खासियतें-
- पीपीएफ में मूल राशि और ब्याज भारत सरकार सुनिश्चित करती है। इस कारण क्रेडिट रिस्क जीरो हो जाता है।
- पीपीएफ की राशि किसी भी स्थिति में कोर्ट या सरकार जब्त नहीं कर सकता।
- पीपीएफ टैक्स रहित होता है यानि कि निवेश करने पर टैक्स पर लाभ मिलता है। हर साल ब्याज मिलने पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता।साथ ही मैच्योरिटी या फिर निकासी के समय भी टैक्स नहीं लगता।
- पीपीएफ में 1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है।
पीपीएफ से करें निकासी-
पीपीएफ से निकासी इस बात पर निर्भर करती है कि एकाउंट कितने वर्ष एक्टिव है।
- पूर्ण राशि की निकासी 15 वर्ष पुरे होने पर कर सकते हैं
- पहली निकासी एकाउंट खोलने के 7 वर्षों में कर सकते हैं।
- निकासी की न्यूनतम राशि चार साल की जमा राशि का 50 फीसदी या फिर पिछले साल के शेष बैलेंस का 50 फीसदी हो सकता है।
- एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही बार निकासी की जा सकती है।
मैच्योरिटी से पहले पीपीएफ खाते का बंद करना-
एक अप्रैल 2016 के नोटिफिकेशन के बाद से पीपीएफ खाता स्पेशल केस में ही बंद हो सकता है जैसे कि गंभीर बीमारी, बच्चे की पढ़ाई आदि। इसमें ब्याज का भुगतान करते समय 1 फीसदी की पेनल्टी लगाई जाएगी साथ ही केवल उन पर जिन्हें एकाउंट खोले हुए 5 साल हो गए हैं।
कैसे लें पीपीएफ बैलेंस के आधार पर लोन-
- एकाउंट खोलने के तीसरे और छठे महीने के बीच ही लोन लिया जा सकता है।
- पीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर से 2 फीसदी अतिरिक्त ब्याज लगाया जाता है।
- इसमें रिपेमेंट की समय अवधि 24 महीने होती है। लोन का भुगतान या तो मासिक तौर पर या फिर लंप सम में किया जा सकता है।
- पीपीएफ एकाउंटधारक दो साल पहले के एकाउंट बैलेंस का 25 फीसदी एमाउंट तक का लोन ले सकता है।
कैसे बढवाएं पीपीएफ की समय अवधि-
पीपीएफ की समय अवधि 15 साल के लॉकिंग पिरियड के पूरे होने पर 5 वर्ष के लिए बढ़वा सकते हैं। समय अवधि बढ़ावेने पर किसी तरह की कोई लिमिट नहीं है। 5 साल की एक्टेंशन की प्रक्रिया के पूरा होने पर अगली एक्सटेंशन के आवेदन किया जा सकता है। इस तरह पीपीएफ का खाता हमेशा एक्टिव रखा जा सकता है।
रिक्वेस्ट दो तरह की होती है-
बिना किसी योगदान के एक्सटेंशन– इसमें जबतक एकाउंट बंद नहीं होता तबतक बैलेंस पर मौजूदा दरों के हिसाब से ब्याज लगता रहेगा। बिना किसी योगदान के एक्सटेंशन की स्थिति में साल में एक बार कितनी भी राशि की निकासी की जा सकती है।
योगदान के बाद एक्सटेंशन– इस स्थिति में एक्सटेंडिड पिरियड की शुरुआत में बैलेंस का 60 फीसदी निकाल सकते हैं।
अगर पीपीएफ एकाउंटधारक की मृत्यु हो गई तो क्या होगा-
- पीपीएफ एकाउंट में नोमिनेशन फाइल करना अनिवार्य है।
- 15 साल पूरे न होने पर भी एकाउंटधारक की मृत्यु के बाद एकाउंट बंद किया जा सकता है। और राशि नॉमिनी को दे दी जाती है।
- या फिर एकाउंट के मैच्योरिटी तक उसे एक्टिक रखें। जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा, लेकिन इसमें योगदान नहीं किया जा सकता।
- नॉमिनेशन न होने की स्थिति में राशि उत्तराधिकारी को दे दी जाएगी।