नई दिल्ली। खरा सोना खरीदना अब आपके लिए आसान होगा। सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वैलरी पर अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम को लागू कर दिया है। यानी अब ज्वैलर्स सिर्फ हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वैलरी ही बेच पाएंगे। इससे ग्राहकों को नकली सोने या कम वैल्यू के सोने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से निजात मिल सकेगी। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि हॉलमार्किंग क्या है? क्या घरों पर जो सोने की ज्वेलरी है उसका क्या होगा? क्या उसके लिए भी हॉलमार्किंग करवानी होगी? अगर घर में रखे सोने की हॉलमार्किंग नहीं करवाई गई तो क्या उसकी कोई कीमत नहीं होगी? लोगों की इसी मुश्किल को देखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए हॉलमार्किंग से जुड़े सभी सवालों के जवाब लेकर आई है।
सोने पर अनिवार्य हॉलमार्किंग पर ज्वैलर्स को बड़ी राहत, अगस्त तक नहीं लगेगा जुर्माना
हॉलमार्किंग क्या है? (What is Gold Hallmarking)
हॉलमार्किंग एक प्रकार से शुद्ध सोने का प्रमाण है। भारत में सोने के आभूषणों में हॉलमार्क की शुरुआत वर्ष 2000 से हुई। हॉलमार्क का निशान बताता है कि सोना अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का है। हॉलमार्क भारत सरकार की गारंटी होती है। यह भारत सरकार की संस्था ब्यूरा आफ इंडियन स्टैंडर्ड यानि बीआईएस जारी करता है।
किन गहनों की होती है हॉलमार्किंग
14 जून 2018 को सरकार ने हॉलमार्किंग से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक सोने की ज्वैलरी, सोने की सजावटी वस्तुओं, चांदी की ज्वैलरी और चांदी के सजावटी सामान पर हॉलमार्क जरूरी है।
14,18 और 22 कैरेट से बने आभूषण बिकेंगे
बयान के अनुसार 16 जून से 256 जिलों के जौहरियों को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी। अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी।
कैसे करें हॉलमार्क ज्वैलरी की पहचान
हॉलमार्क चिन्ह में तीन चीजें होंगी। बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) चिह्न एक त्रिकोण द्वारा दिखाया गया होगा। कैरेटेज (22K915) और जौहरी का चिह्न और AHC। आप जौहरी से उसका बीआईएस लाइसेंस दिखाने के लिए कह सकते हैं। परख और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) हॉलमार्क वाले आइटम के लिए ₹35 चार्ज करते हैं जिसका भुगतान जौहरी द्वारा किया जाता है।
क्या बेकार हो जाएगा घर पर पड़ा सोना
हॉलमार्किंग के अनिवार्य होने के बाद क्या घर पर पड़ा सोना बरबाद हो जाएगा? ऐसे ही सवाल से लोग घर में रखे सोने को लेकर चिंतित हो उठे हैं। आपको बता दें कि सोने की हॉलमार्किंग का घर में रखे सोने पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक कभी भी चाहे पुरानी ज्वेलरी बेच सकेंगे। क्योंकि हॉलमार्किंग का नियम सुनार के लिए जरूरी है। वह अब बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच सकेगा।
इन्हें मिली छूट
सरकार ने कहा कि उसने घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है। बयान के अनुसार जौहरी उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीदना जारी रख सकते हैं। पुराने आभूषणों को पिघलाने और नए आभूषण बनाने के बाद जौहरी द्वारा व्यावहारिक होने पर हॉलमार्क किया जा सकता है।
क्या बेकार हो जाएगा घर पर पड़ा सोना
हॉलमार्किंग के अनिवार्य होने के बाद क्या घर पर पड़ा सोना बरबाद हो जाएगा? ऐसे ही सवाल से लोग घर में रखे सोने को लेकर चिंतित हो उठे हैं। आपको बता दें कि सोने की हॉलमार्किंग का घर में रखे सोने पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक कभी भी चाहे पुरानी ज्वेलरी बेच सकेंगे। क्योंकि हॉलमार्किंग का नियम सुनार के लिए जरूरी है। वह अब बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच सकेगा। सरकार ने साफ किया है कि ज्वेलर्स ग्राहकों से पुराने सोने की ज्वेलरी वापस खरीद सकते हैं, भले ही उन पर कोई हॉलमार्किंग न हो। यानी आपके घर पर रखे सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के नियमों का कोई असर नहीं होगा।
क्या बेच सकेंगे घर में रखा सोना?
अगर आपके पास अगर सोने की ज्वेलरी, सिक्का या फिर ईंट है तो क्या आप उसे बेच सकेंगे, या उसके लिए भी हॉलमार्किंग की जरूरत होगी। बता दें कि गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम सिर्फ ज्वेलर्स के लिए हैं, वो कस्टमर्स को बिना हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी नहीं बेच सकते, अगर ग्राहक के पास पहले से बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी है तो उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
क्या घर में रखी ज्वेलरी की कीमत घटेगी?
क्या घर में रखी बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी की वैल्यू गिर जाएगी, तो इसका जवाब है नहीं। ग्राहक अपनी गोल्ड ज्वेलरी को उसकी शुद्धता के आधार पर मार्केट वैल्यू पर बेच सकता है। गोल्ड हॉलमार्किंग की वजह से उसकी कीमतों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
इन 256 जिलों में शुरू हुई हॉलमार्किंग
राज्य | जिले |
उत्तर प्रदेश | आगरा, इलाहाबाद, बरेली, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, मथुरा, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी |
मध्य प्रदेश | भोपाल, देवास, ग्वालियर, रीवा, इंदौर, जबलपुर, रतलाम और सतना। |
राजस्थान | अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, हनुमानगढ़, जयपुर, झुनझुनू, जोधपुर, कोटा, नागपुर, पाली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सीकर, श्रीगंगानगर, चुरु, उदयपुर, बांसवाड़ा। |
महाराष्ट्र | अकोला, अमरावति, धुले, लातूर, नांदेड़, रतनागिरी, सिंधुगढ़, औरंगाबाद, नागपुर, पालघर, रायगढ़, अहमदनगर, सोलापुर, जलगांव, नासिक, सतारा, सांगलि, कोल्हापुर, ठाणे, पुणे, मुंबई Sub, मुंबई City |
हरियाणा | अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, जिंद, कैथल, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुना नगर। |
उत्तराखंड | देहरादून, पिथौरागढ़। |
पंजाब | अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मनसा, पठानकोट, पटियाला, संगरुर। |