नई दिल्ली। जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली होती है तो पहले उसके कारोबार की शेयर वैल्यू तय की जाती है और उसके बाद आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये खुले बाजार में कंपनी के शेयरों की बिक्री की जाती है। आईपीओ में निवेशकों और आम जनता की काफी रुचि होती है। 2020 का पहला बड़ा आईपीओ एसबीआई कार्ड्स लेकर आ रही है। इसकी चर्चा खूब हो रही है और हर कोई इसे फायदे का सौदा बता रहा है। एसबीआई कार्ड्स की आईपीओ के जरिये बाजार से 9,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है।
2 मार्च को खुलेगा IPO
वेल्थ यूनिवर्स के सह-संस्थापक और प्रोडक्ट स्पेशिएलिस्ट- इन्वेस्टमेंट, गगन श्रीवास्तव ने बताया कि एसबीआई कार्ड्स को सेबी से आईपीओ के लिए अंतिम मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि निर्गम दो मार्च को आएगा और चार मार्च को बंद होगा। इसमें 500 करोड़ रुपए के नए शेयर शामिल होंगे और इसके साथ प्रवर्तक अपने करीब 13 करोड़ शेयर बिक्री के लिए रखेंगे । प्रवर्तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कार्लाइल ग्रुप क्रमश: 3.73 करोड़ शेयर और 9.32 करोड़ शेयर की बिक्री करेंगे।
750-755 रुपए है मूल्य दायर
आईपीओ के दौरान कुल 13,71,49,315 शेयरों की बिक्री की जाएगी। आईपीओ के लिए इश्यू प्राइस 750-755 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। एक लॉट में 19 शेयर होंगे, यानी आपको आईपीओ के दौरान कम से कम 19 शेयर के लिए बोली लगानी होगी।
कर्मचारियों को मिलेगा 15 रुपए का डिस्काउंट
एसबीआई कार्ड्स के कर्मचारियों को आईपीओ के दौरान शेयर खरीदने के लिए प्रति शेयर 15 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। कर्मचारियों के इश्यू प्राइस 740 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। एसबीआई कार्ड्स के शेयर को बीएसई और एनएसई दोनों एक्सचेंज पर लिस्ट कराया जाएगा।
IPO में निवेश से पहले इन बिंदुओं पर करें गौर
1. कंपनी का प्रदर्शन- IPO में निवेश करने से पहले कंपनी का पूर्व प्रदर्शन और ग्रोथ का विलेषण जरूर करें। यदि इंडस्ट्री में कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर रही है तो इसमें निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय सभी परिस्थितियों के बारे में पता करना जरूरी होता है। आपको हर स्थिति पर नजर बनाए रखनी होगी और उसी के अनुरूप अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करना होगा।
2. IPO का उदेश्य- IPO का उदेश्य जानना बेहद जरूरी कदम है। ऐसा करने से निवेशक को इस बात का पता चलता है कि कंपनी IPO के जरिये क्यों पैसा जुटा रही है और इसका वह कैसे उपयोग करेगी, इससे यह भी पता चलता है कि कंपनी का विकास कैसे होगा।
3. कंपनी के IPO प्रोस्पेक्ट्स को पढ़ें- अपना पैसा निवेश करने से पहले कंपनी के IPO प्रोस्पेक्ट्स को ध्यान से पढ़ें। ऐसा करने से निवेशक को IPO के उद्देश्य को समझने में आसानी होगी और साथ ही इससे जुड़े जोखिमों के बारे में भी पता चलेगा।
4. भविष्य को लेकर कंपनी की रणनीति- मौजूदा उद्देश्यों के साथ ही कंपनी के भविष्य की योजनाओं को भी समझना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कंपनी और उसके सेक्टर के सामने जो प्रतिस्पर्धा या चुनौतियां हैं, उन्हें समझने की कोशिश करें। यह आपको ऐसे संभावित कारकों को समझने में मदद करेगा, जो शेयर की कीमतों पर दबाव आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
5. इश्यू प्राइस को देखें- इश्यू प्राइस कहीं ओवर प्राइस्ड या अंडर प्राइस्ड तो नहीं है, यह जानने के लिए इनकी तुलना करना जरूरी है। अगर निवेशक समकक्ष कंपनियों की तुलना में अधिक कीमत चुकाते हैं तो एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद इसके शेयरों की कीमत में गिरावट आने की संभावना अधिक होती है। इसलिए निवेश से पहले सभी फायदे और नुकसान पर गौर करें और उसके बाद अपनी निवेश रणनीति बनाएं।
6. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की रेटिंग देखें- जो कंपनियां IPO लाने की योजना बनाती हैं उन्हें विभिन्न रेटिंग एजेंसियों द्वारा एक रेटिंग दी जाती है। यह रेटिंग आपको कंपनी में निवेश करने या न करने का फैसला लेने में आपकी मदद करते हैं। उदाहरण के लिए 3+ रेटिंग वाले आईपीओ को अच्छे फंडामेंटल वाली श्रेणी में रखा जाता है। इसलिए आप इसमें निवेश कर सकते हैं।