नई दिल्ली। बीमा पॉलिसी आने वाले समय में महंगी हो सकती है, इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों के मुताबिक जागरुकता बढ़ने के साथ लोग पॉलिसी का बेहतर इस्तेमाल करने लगे हैं जिससे दावों की संख्या भी बढ़ गई है। इसी वजह हे कंपनियां पॉलिसी महंगी कर सकती हैं। बीमा कारोबार के जानकार बताते हैं कि खासतौर से टर्म इंश्योरेंस और प्रीमियम में आने वाले दिनों में बढ़ोतरी हो सकती है।
पॉलिसी बाजार के सीबीओ (लाइफ इंश्योरेंस) संतोष अग्रवाल ने कहा कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लांस की कीमतों का निर्धारण उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर पश्चिमी देशों में, टर्म प्लान की कीमतें काफी हद तक न्यायसंगत हैं क्योंकि इनकी गणना परिष्कृत डेटा एवं अनुभव के आधार पर की जाती है। उन्होंने कहा कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस की कीमतों में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में, कुछ बीमा कंपनियों ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स की कीमतें 20 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं।
पालिसीबाजार डॉट कॉम के इन्वेस्टमेंट, बिजनेस यूनिट हेड विवेक जैन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे लेंडिंग दरों के साथ साथ डिपॉजिट दरों के नीचे आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि रेपो रेट में कटौती के बाद इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर मिलने वाले लाभ में भी निकट भविष्य में कमी आ सकती है, इसलिए जो निवेशक निश्चित लाभ की तलाश में हैं, उन्हें बीमा कंपनियों द्वारा दरों को संशोधन करने से पहले रिटर्न लॉक कर लेने चाहिए।
काफी लंबे समय से बीमा कारोबार से जुड़े सुबोध कुमार झा ने बताया कि किसी भी बीमा की किस्त उसके दावों की संभावना से तय होती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में चाहे टर्म इंश्योरेंस हो या हेल्थ इंश्योरेंस, इनमें दावों की संभावना ज्यादा आंकी जा रही है, ऐसे में कोई भी बीमा कंपनी प्रीमियम में बढ़ोतरी करने पर विचार कर सकती है।