नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) को पूरे देश में अतिरिक्त 49 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का जिम्मा सौंपा है। इन स्टेशनों के रिडेवलपमेंट से यात्रियों को वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं मिलेंगी और उनके यात्रा अनुभव में भी वृद्धि होगी। पूरे भारत में रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास रेलवे मंत्रालय का प्रमुख एजेंडा है। इस एजेंडा के रूप में, 125 स्टेशन के पुनर्विकास का काम चल रहा है। इनमें से 63 स्टेशनों का काम आईआरएसडीसी के पास और शेष्ज्ञ 60 स्टेशन का काम आरएलडीए के पास है।
आरएलडीए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त 49 स्टेशनों में अमरावति, राजकोट, मथुरा, आगरा फोर्ट, बीकानेर, कुरुक्षेत्र और भोपाल आदि शामिल हैं। आरएलडीए के मुताबिक, वह केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में पहले से ही देशभर में 60 रेलवे स्टेशनों को विकसित करने के काम में जुटा है।
आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि हम काम करने के लिए तत्पर हैं। स्टेशन पुनर्विकास आंतरिक रूप से शहरी कायाकल्प से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन स्टेशनों के पुनर्विकास से यात्रियों को विश्व स्तर की सुविधाएं मिलेंगी और उनके यात्रा अनुभव में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि रिटेल, रियल एस्टेट और टूरिज्म को बढ़ावा मिलने एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होने से इसका स्थानीय अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर पड़ेगा।
एक जिम्मेदार संगठन के रूप में, आरएलडीए नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इन स्टेशनों को निर्धारित समय सीमा के अनुसार पुनर्विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरएलडीए ने हाल ही में पुरी और लखनऊ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए पात्र डेवलपर्स से रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन निविदा का सफलतापूर्वक पूरा किया है। आरएलडीए ने बताया कि डेवलपर्स और इनवेस्टर्स की ओर से इन परियोजनाओं को बेहतर प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।
आरएलडीए ने बताया कि देहरादून, नेल्लोर, तिरुपति, पुडुचेरी, एर्णाकुलम और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए आरएफक्यू को अंतिम रूप दे दिया गया है और आरएफपी को शीघ्र ही जारी किया जाएगा। इन स्टेशन को पीपीपी मॉडल के तहत पुनर्विकसित किया जाएगा।
रेलवे के पास पूरे भारत में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली जमीन है। आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और हाल ही में उसे गुवाहाटी और सिकंदराबाद में तीन रेलवे कॉलोनियों के पुनर्विकास का ठेका प्राप्त हुआ है।
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