नई दिल्ली। रसोई गैस उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी समस्या जरूरत के वक्त सिलेंडर की डिलीवरी में होने वाली देऱी है। दरअसल एजेसियों के पास वितरण का बड़ा क्षेत्र होने की वजह से आपूर्ति में देरी होती है, वहीं गोदाम और एजेंसियों से दूरी की वजह से कस्बों और गांवों में सिलेडर खत्म होने पर परेशानी खड़ी हो जाती है। इससे निपटने के लिये सरकार अब एजेंसियों की संख्या बढ़ाने जा रही है, जिससे लोगों के पास गैस सिलेंडर जल्दी पहुंच सकेंगे।
जानिये क्या है योजना
सरकार की ई-सेवा डिलिवरी इकाई सीएससी एसपीवी (CSC SPV) सिलेंडर की आपूर्ति तेज करने के लिये अपने केंद्रों की संख्या बढ़ाने जा रही है। एसपीवी ने कहा है कि उसकी देश भर में मार्च 2022 तक एक लाख एलपीजी वितरण केंद्र स्थापित करने की योजना है. इसमें ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों पर जोर होगा. सीएससी एसपीवी ने कहा कि उसने तीन सरकारी तेल कंपनियों बीपीसीएल (BPCL), एचपीसीएल (HPCL) और आईओसीएल(IOCL) के साथ मिलकर विभिन्न राज्यों में करीब 21,000 एलपीजी केंद्र खोले हैं। ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी एसपीवी) एक अर्ध-सरकारी कंपनी है। सीएससी स्पेशल पर्पस व्हीकल की स्थापना 2009 में सरकारी योजनाओं की सहायता के लिए की गई थी। हालांकि 2015 के बाद से इसमें बदलाव किये गये हैं।
फिलहाल 20 हजार के करीब केंद्रों का संचालन
सीएससीसी एसपीवी के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने एक बयान में कहा, ‘‘बीपीसीएल के साथ मिलकर आज हमारे एलपीजी वितरण केंद्रों की संख्या 10,000 पहुंच गई है, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इसके अलावा हम एचपीसीएल के साथ मिलकर 6,000 और आईओसी के साथ 5,000 एलपीजी वितरण केंद्र चला रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक हमारे एलपीजी वितरण केंद्रों की संख्या एक लाख पहुंच जाएगी.’’
डिजिटल पोर्टल के माध्यम से घर तक पहुंचेगा सिलेंडर
सीएससी अपने डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर उनके घर तक पहुंचाने में मदद करेगा. सीएससी एसपीवी के सीईओ संजय कुमार राकेश ने कहा कि हम जो एलपीजी सेंटर का प्रबंधन कर रहे हैं, उसका मकसद गरीब परिवार को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना है.
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