नई दिल्ली। हम सभी लोग अपने कमाए गए पैसों में से थोड़ा-थोड़ा निकालकर बचाते हैं। कुछ रिटायरमेंट के लिए, तो कुछ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और शादी के लिए। मगर जिंदगी में कई ऐसे मुश्किल समय या मौके आते हैं, जब अचानक कोई बड़ा खर्च आ जाता है। इससे हमारी सारी प्लानिंग धरी की धरी रह जाती है।
दिल्ली के रहने वाले कार्तिक के परिवार के सामने ऐसी ही दिक्कत आ खड़ी हुई। उन्होंने रिटायरमेंट के लिए काफी पैसा जुटा लिया था। इमरजेंसी फंड के लिए भी पैसे जोड़ रखे थे। अचानक उन्हें अपने घर में हर जगह सीलन दिखने लगी। घर की दीवारों में दरार पड़ने लगी। मकान की मरम्मत कराना जरूरी हो गया। इसके लिए बड़ी रकम की जरूतर थी। कार्तिक बताते हैं कि उनकी बचत की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई। ये इतनी बड़ी रकम थी कि उन्हें इमरजेंसी फंड से पैसे निकालने पड़े। इसके चलते उनकी रिटायरमेंट सेविंग्स पर भी असर पड़ा क्योंकि उन्हें अपने इमरजेंसी फंड में फिर से पैसे डालने पड़े। कुल मिलाकर कार्तिक का बरसों का बचत प्लान अचानक पटरी से उतर गया।
आप ऐसा नुकसान झेलने के बाद सही फैसला लें
हमारी जिंदगी में कई ऐसे मौके आते हैं, जब हम जिंदगी भर की बचत गंवा देते हैं। कभी बीमारी, तो कभी अचानक आया कार्तिक परिवार जैसा खर्च। इसके अलावा शेयर बाजार की उठापटक भी कई बार हमारी बचत को साफ कर देती है। साल 2008 में अमरीका में आई मंदी से लोगों को तगड़ा झटका लगा था। शेयर बाजार की गिरावट से औसत अमरीकी कामगार की बचत में 24 फीसद की गिरावट देखी गई। जानकार कहते हैं जब आपकी बचत अचानक साफ हो जाए, तो आप जो अगला कदम उठाते हैं वह बहुत अहम होता है। आपके पैसे कम हो जाते हैं। जिससे किसी खर्च से निपटने में आपको दिक्कत आती है।
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इसीलिए जरूरी है कि आप ऐसा नुकसान झेलने के बाद सही फैसला लें। जानकार इस बारे में कुछ मशविरे देते हैं। पहली जरूरत है कि आप सब्र और दूरंदेशी से काम लें। पैसे के नुकसान से तनाव बढ़ता है। ऐसे में आपको कुछ सख्त फैसलों की जरूरत होती है। ताकि आपकी बचत का सिलसिला जारी रहे और आप आने वाले वक्त के लिए खुद को तैयार कर सकें। ज्यादातर झटके अचानक लगते हैं। मगर इनसे निपटने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं। जानकार कहते हैं कि आपके पास तीन से छह महीने के खर्च के पैसे हमेशा होने चाहिए। इससे आपको आगे की प्लानिंग में बड़ी राहत मिलती है। अगर आपको शेयर बाजार से झटका लगा है। तो वहां से तुरत-फुरत पैसे निकालने का फैसला सही नहीं होगा। आप ठहरकर, थोड़ा सोच-विचारकर फैसला लें क्योंकि गिरावट के बाद कई बार बाजार उठता भी है। कोई भी कदम उठाने से पहले आप अपने सलाहकार से बात करें। ऐसे मामलों में किसी तीसरे आदमी की राय काफी अहम होती है। वो फौरी नफे-नुकसान के बजाय दूर की सोचकर आपको राय देता है।
सही मदद कर सकता है फाइनेंशिनल एडवाइजर
कई बार आप हड़बड़ी में अपने ही कुछ संसाधनों के बारे में सोच नहीं पाते। ऐसे में फाइनेंशिनल एडवाइजर आपकी सही मदद कर सकता है। तुरंत के इन फैसलों के बाद आपको शेयर बाजार में अपने निवेश के तरीकों में बदलाव करना चाहिए। यह कुछ वक्त के बाद भी किया जा सकता है। जैसे शेयर बाजार के ज्यादा जोखिम वाले माहौल से पैसे निकालकर आप कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर सकते हैं। जैसे डेट फंड या पेंशन फंड या फिर सरकारी बांड्स में निवेश किया जा सकता है। इन पर बाजार की गिरावट का असर कम पड़ता है। अक्सर लोग गलती ये करते हैं कि बाजार की गिरावट से परेशान होकर मैदान छोड़ देते हैं पर ऐसा कभी नहीं करना चाहिए।
आपको अच्छे निवेश के रास्ते तलाशकर उसमें पैसे लगाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। वरना, आपको अपने पैसों पर अच्छा रिटर्न नहीं मिलेगा। आप ऐसा प्लान बनाएं, जिस पर आसानी से अमल कर सकें। बड़े-बड़े लक्ष्य तय करके खुद पर दबाव बनाना भी ठीक नहीं। आखिर में सबसे जरूरी बात, कभी उम्मीद मत छोड़िए और कोशिश करते रहिए।