आज के समय में प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोग हर साल या दो साल में नौकरी बदलते हैं। वहीं कई बार जॉब के चलते शहर भी शिफ्ट कर जाते हैं। आप जहां नौकरी करते हैं वह कंपनी आपकी सैलरी के लिए बैंक अकाउंट खोलती है। लेकिन नौकरी छोड़ने के बाद लोग अक्सर दूसरे बैंक में अकाउंट खोल लेते हैं और पुराना बैं अकाउंट यूं ही छोड़ देते हैं। ऐसा ही लोग शहर बदलने पर भी करते हैं। दो साल तक अकाउंट के उपयोग में न आने पर बैंक इन खातों को डॉरमेट कर देता है। यानि कि जब तक आप नया केवाईसी नहीं करवाते तब तक यह अकाउंट फ्रीज हो जाता है। यानि आप कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं।
यही नहीं यदि कोई ग्राहक बैंक के ईमेल, कॉल और लेटर्स का जवाब नहीं देता है, तो बैंक एक साल के बाद उस खाते डॉर्मेंट कर देता है। बैंक ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि इससे खाते में पड़े पैसा का दुरुपयोग नहीं होता है। आरबीआई ने बैंकों को हिदायत दी है कि अगर ग्राहक ने अपना घर शिफ्ट करने के कारण बैंक खाता बदल दिया है, तो बैंकों को नए खाते की डिटेल लेना चाहिए, जहां इनऑपरेटिव बैंक खाते से पैसा किया जा सके।
ग्राहकों से संपर्क करे बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को उन खातों की वार्षिक समीक्षा करने का निर्देश दिया है, जिनमें ब्याज जमा करने या सर्विस चार्ज डेबिट करने के अलावा न कोई ऑपरेशन, न कोई क्रेडिट या डेबिट लेनदेन देखने को मिला है। अगर किसी खाते में एक वर्ष से अधिक समय तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है तो बैंकों को ग्राहकों को लिखित रूप में सूचित करना होगा और इसके कारण का पता लगाने का प्रयास करना होगा।
कैसे करें डॉर्मेंट अकाउंट को चालू
अगर आपका खाता डॉर्मेंट हो गया तो आप इसे फिर से एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को बैंक की ब्रांच में जाकर डॉर्मेंट खाते को सक्रिय करने के लिए एक आवेदन देना होगा। आवेदन मिलने के बाद बैंक डॉर्मेंट अकाउंट को अगले दिन एक्टिवेट कर सकते हैं या इंटरनल प्रोसेसिंग और डिपॉजिटर के रिस्क कैटेगरी के चलते ज्यादा समय लग सकता है।
खाता एक्टिवेट करने पर नहीं लगेगा चार्ज
आरबीआई ने बैंकों से डॉर्मेंट खातों को एक्टिव करने पर कोई चार्ज नहीं लगाने को कहा है। बचत बैंक खातों पर ब्याज नियमित रूप से जमा किया जाना चाहिए चाहे खाता चालू है या नहीं।