ऐसा होना बेहद ही मुश्किल है कि किसी व्यक्ति को किराया, ईंधन, बच्चों की शिक्षा, विवाह, अस्पताल के बिल आदि जैसी अपनी प्रत्याशित और अप्रत्याशित आवश्कताओं के लिए पैसे की जरूरत न पड़े। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उधार लेना सबसे प्रचलित जरिया है और इसमें सबसे सामान्य है पर्सनल लोन। इसके अलावा जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड भी एक लोकप्रिय जरिया है।
कार लोन या होम लोन के विपरीत पर्सनल लोन को हम किसी भी जरूरत के लिए उपयोग में ला सकते हैं। क्योंकि देनदार को इससे कुछ भी लेना-देना नहीं होता है कि आप उस पैसे का उपयोग कैसे और कहां करते हैं। आज के समय में, पैसा उधार लेना या बैक, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज़(एनबीएफसी) और पी2पी ऋणदाताओं से लोन लेना काफी आसान है। जब आप बैंक से पर्सनल लोन लेते हैं तो इसमें व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री ऋण के लिए उनकी पात्रता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
क्रेडिट स्कोर पर आधारित पर्सनल लोन की पात्रता
पर्सनल लोन के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, आवेद का क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होना चाहिए। व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जितना अधिक हो, उसे कर्ज मिलने की पात्रता उतनी ही अधिक होगी। पर्सनल लोन आवेदन की प्रोसेसिंग या अप्रूवल से पहले, ऋणदाता जांचता है कि उस व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक है कि नहीं। इसलिए यह जरूरी है कि पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आप अपना क्रेडिट स्कोर जांच लें। एक बेहतर और ऊंचा क्रेडिट स्कोर लोन के शीघ्र अप्रूवल को सुनिश्चित करता है।
क्रेडिट स्कोर क्या है?
व्यक्ति की कर्ज संबंधी गतिविधियों जैसे बैंकिेंग, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, ईएमआई पेमेंट, ईएमआई पेमेंट आदि के आधार पर क्रेडिट स्कोर की गणना की जाती है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लिमिटेड (सिबिल) व्यक्तियों एवं कंपनियों की क्रेडिट संबंधी गतिविधियां रखता है और यह डाटा क्रेडिट स्कोर की गणना में प्रयोग में लाया जाता है। ऋणदाता एक अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को पसंद करते हैं क्योंकि यह एक स्वस्थ क्रेडिट इतिहास का संकेत है, जिसका अर्थ है, व्यक्ति समय पर ऋण चुकाने में सक्षम है।
खराब क्रेडिट स्कोर से कैसे बचें?
लोन के लिए आवेदन करने से पहले, अपना क्रेडिट स्कोर जांचिए और इसे सुधारने की कोशिश करें। इस प्रकार, जब आप लोन के लिए आवेदन करेंगे, आपका क्रेडिट स्कोर अधिक होगा और आपका लोन अप्रूव होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। यहा उन बातों के बारे में बताया गया है जिनसे आप खराब क्रेडिट स्कोर से बच सकते हैं:
- समय पर भुगतान करें: ईएमआई या क्रेडिट कार्ड के बिल का आंशिक, देरी से भुगतान या भुगतान से चूक जाना आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है। इसलिए, निर्धारित तारीख पर या उससे पहले पूरा भुगतान करें।
- अपनी क्रेडिट लिमिट को पार न करें: यदि आप अपनी क्रेडिट लिमिट के 50% से अधिक का उपयोग करते हैं तो आपको क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। ऐसे में अपने खर्चों को काबू में रखें। बेफजूल की चीजों पर खर्च न करें।
- एक समय में एक से अधिक क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन न करें: बहुत ज्यादा क्रेडिट कार्ड और लोन के आवेदन से भी क्रेडिट स्कोर खराब होता है, क्योंकि प्रत्येक नामंजूरी आपके क्रेडिट स्कोर को घटा देती है।
- सुरक्षित और असुरक्षित ऋण के बीच संतुलन बनाए रखें: पर्सनल लोन एक प्रकार का असुरक्षित ऋण होता है जो कि बिना किसी कोलेटरल या सिक्योरिटी के प्रदान किया जाता है, यह सुरक्षित ऋण जैसे कार लोन या होम लोन द्वारा संतुलित किया जा सकता है।
अपना क्रेडिट स्कोर कैसे प्राप्त कर सकते हैं? साल में एक बार, आप मुफ्त में अपनी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें सिबिल, एक्सपेरियन या इक्विफैक्स से प्राप्त क्रेडिट स्कोर होगा। इन तीन क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर आप ऑनलाइन क्रेडिट रिपोर्ट के लिए आवेदन कर सकतते हैं।
बिना क्रेडिट स्कोर के पर्सनल लोन प्राप्त करें
यद्यपि आपके पास समय पर और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए एक हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो सकती है, लेकिन आपातकालीन परिस्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की दशा में, हो सकता है कि आपका कैशलैस क्लेम काम न करे और आपको अस्पताल के खर्चों का भुगतान अपनी जेब से करना पड़े और बाद में आप उसका रिंबर्समेंट क्लेम करना हो। इस परिस्थिति में, या तो आप अपनी बचत को समाप्त करना हो या खर्चों को पूरा करने के लिए उधार लेना होगा। सबसे खराब स्थिति में, तब क्या होगा जब आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो और बैंक आपके लोन आवेदन को अस्वीकार कर दे?
भारत में बड़ी खंख्या में ऐसे भी लोग हैं जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है। हालांकि, तकनीक के इस दौर में, कर्जदाताओं ने ऐसे भी रास्ते निकाल लिए हैं, जिससे बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को भी कर्ज दिया जा सके। वित्तीय क्षेत्र में नई खोजें न सिर्फ ग्राहकों बल्कि ऋणदाताओं की भी मदद कर रही है, जिससे वे उन संभावित बाजारों का भी पता लगा लेते हैं जिन्हें अभी तक खंगाला नहीं गया है। यह ऋणदाताओं को अपना लाभ और बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। किसी व्यक्ति की ऋण पात्रता का मूल्यांकन करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
- मोबाइल फोन का प्रयोग: किसी व्यक्ति की ऋण पात्रता उसके मोबाइल फोन के प्रयोग से भी निर्धारित की जा सकती है। किसी व्यक्ति द्वारा फोन का प्रयोग जैसे मैसेज की संख्या और प्राप्त की गई कॉल्स उसकी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को तय करती हैं।
- प्रश्नावली: ऋण पात्रता को तय करने का एक और तरीका प्रश्नावली है। ये प्रश्नावली व्यक्ति की वित्तीय और उधार आदतों को मापने के लिए तैयार की जाती हैं।
- सोशल मीडिया: व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर के निर्धारण में उसकी सोशल मीडिया पर उपस्थिति की भी जांच की जाती है। सोशल मीडिया पर उपस्थिति में उसका सोशल मीडिया नेटवर्क और विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे लिंक्डइन, ट्विटर, फेसबुक आदि पर की गई पोस्ट को शामिल किया जाता है। सुरक्षा कारणों के चलते कंपनियां उस व्यक्ति की अनुमति के बिना सोशल मीडिया के इस डेटा को एकत्रित और इसका विश्लेषण नहीं करती।
ऋणदाता जिस प्रकार आवदकों की ऋण पात्रता कर निर्धारण कर रहे हैं उससे कर्ज तक पहुंच में भी बदलाव आ रहा है। नई और आधुनिक वित्तीय तकनीकों और सिस्टम जो कि ऋण पात्रता जानने के पुराने पारंपरिक तरीकों की बजाए व्यक्ति की सोशल क्रेडिट पर काम करती है। इसकी मदद से बैंक और संस्थागत ऋणदाता उन आवेदकों को भी कर्ज दे सकती हैं जिनकी पहुंच पारंपरिक पद्धतियों तक नहीं है।