नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को 300 आईटी स्टार्ट-अप्स को मदद करने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका नाम समृद्ध है। इस कार्यक्रम के तहत सरकार इन स्टार्ट-अप्स को सीड फंडिंग, मार्गदर्शन और बाजार पहुंच उपलब्ध कराएगी। सरकार का लक्ष्य इन चयनित स्टार्ट-अप्स में से 100 को यूनीकॉर्न स्टार्ट-अप्स में परिवर्तित करने का है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की विशेष सचिव ज्योति अरोरा ने कहा कि प्रोडक्ट इन्नोवेशन, डेवलपमेंट और ग्रोथ (समृद्ध) के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के स्टार्टअप एक्सेलेरेटर की अवधारणा को सिलिकॉन वैली स्थित एक्सेलेरेटर वाईकॉम्बीनेटर की तर्ज पर तैयार की गई है।
आईटी और टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वह 20 से अधिक स्टार्ट-अप्स का मार्गदर्शन कर चुके हैं और वह उनकी यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से, जब उनका आइडिया उत्पाद में बदलना शुरू करता है, के दौरान मार्गदर्शन की जरूरत को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप्स के लिए फंड की कमी कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।
वैष्णव ने कहा कि आइडिया को वास्तविक उत्पाद में बदलने का अभाव या किसी आइडिया को उद्यम में बदलने के लिए आवश्यक कौशल को एकत्रित करने की कमी अधिकांश स्टार्ट-अप्स के लिए एक बड़ी चुनौती है। अगर हम इस दिशा में स्टार्ट-अप को ले जाने में सक्षम हैं तब शायद हमारा मूल्यवर्धन बहुत अधिक होगा।
समृद्ध प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय चयनित स्टार्ट-अप्स को 40 लाख रुपये तक का सीड फंड उपलब्ध कराएगा और इसके साथ ही छह माह तक उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।
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