नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारी अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) कैश वाउचर स्कीम का लाभ लेने के लिए कई वस्तुओं और सेवाओं के बिल दे सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले बिल उनके नाम पर ही होने चाहिए। वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने एलटीसी कैश वाउचर स्कीम पर एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) का सेट जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारी छुट्टियों को भुनाए बिना (लीव एनकैशमेंट) ही मान्य एलटीसी किराये का इस्तेमाल कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
सरकार ने 12 अक्टूबर को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम की घोषणा की थी। इस योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचरियों को ऐसे उत्पाद और सेवाएं खरीदनी होंगी, जिनपर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12 प्रतिशत या अधिक है। अभी तक कर्मचारियों को सिर्फ यात्रा पर ही इस सुविधा का लाभ मिलता था। या फिर उन्हें यह राशि छोड़नी पड़ती थी। मंत्रालय ने कहा कि कर्मचारी छुट्टियों को भुनाए बिना इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसमें खर्च एलटीसी किराये के लिए तय अनुपात के अनुरूप होना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि यदि योजना के तहत इस्तेमाल किए जाने वाले एलटीसी के आंशिक हिस्से का इस्तेमाल कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्यों ने कर लिया है, तो क्या ऐसी स्थिति में यह योजना मान्य होगी, एएफक्यू में स्पष्ट किया गया है कि यह योजना ब्लॉक वर्ष (2018-21) के दौरान बचे एलटीसी किराये पर भी लागू होगी। एक अन्य सवाल कि यदि किसी कर्मचारी के परिवार के चार सदस्य एलटीसी के लिए पात्र हैं, तो क्या कम सदस्यों पर भी योजना का लाभ लिया जा सकता है, एएफक्यू में कहा गया है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी योजना के पात्र परिवार के एलटीसी हिस्से के बराबर आंशिक लाभ ले सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि चूंकि यह योजना वैकल्पकि है, ऐसे में यदि किसी सदस्य के एलटीसी किराये का इस्तेमाल इस उद्देश्य के लिए नहीं हो पाता है, तो वे सदस्य एलटीसी नियमों के मौजूदा निर्देशों के तहत एलटीसी ले सकते हैं। एफएक्यू में स्पष्ट किया गया है कि इस योजना के तहत कर्मचारी कई बिल दे सकता है, लेकिन इनमें खरीद मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के दौरान ही होनी चाहिए।