नई दिल्ली। सरकार ने म्यूचुअल फंड्स के लिए KYC के नियमों में अहम बदलाव किया है। इसके तहत अगर किसी निवेशक ने KYC नियमों को पूरा नहीं किया है, तो निवेशक आगे से म्यूचुअल फंड्स स्कीम्स में अतिरिक्त पैसा नहीं लगा पाएंगे और साथ ही एक फंड से दूसरे फंड में पैसा ट्रांसफर करना भी मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा भी KYC नियमों में कई बदलाव हुए हैं, जिन्हें सभी निवेशकों को पालन करना पड़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है KYC नियमों में हुए बदलावों के बारे में, जिनका सभी निवेशकों को ध्यान रखना जरूरी है।
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केवाईसी को पूरा करें
एक बड़ा बदलाव यह है कि नए और पुराने निवेशकों को यह देखना पड़ेगा कि अगर उनका KYC प्रक्रिया पूरी नहीं है तो वे म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं कर पाएंगे। निवेश करने के लिए पहले प्रक्रिया को पूरा करना पड़ेगा। मौजूदा समय में जिन निवेशकों का KYC अंडर प्रोसेस या फिर होल्ड पर रखा होता है उन्हें म्यूचुअल फंड हाउस निवेश करने की अनुमति दे देते हैं। इसका मतलब यह है कि जिस दौरान समस्याओं को दूर किया जा रहा होता है उस दौरान भी निवेश की प्रक्रिया जारी रह सकती है। लेकिन अब से ऐसा संभव नहीं है। इस नए नियम के बाद पहले सभी समस्याओं को दूर करना होगा उसके बाद ऑल क्लियर KYC स्टेट्स प्राप्त होगा, ताकि स्कीम में निवेश किया जा सके।
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इनकम या नेटवर्थ
ऐसी कुछ अतिरिक्त चीजें हैं जिन्हें पहले निवेशक को समझना चाहिए। पहली बात ये कि अपने बारे में सारी जानकारियां देनी होंगी जैसे कि इनकम या नेटवर्थ। नए नियमों के तहत यह अतिरिक्त जानकारी है। ऐसा हो सकता है कि पुराने निवेशकों ने यह जानकारी पहले न दी हो। दूसरी बात, निवेशक को अपने-अपने फंड हाउस को यह जानकारी देनी होगी कि क्या वे इस फंड का इस्तेमाल राजनीति से जुड़ी गतिविधियों के लिए तो नहीं कर रहे हैं।
आपसी वेरीफिकेशन
कुछ समय पहले तक आपसी वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं थी, लेकिन अब से है। तो जिन लोगों ने पहले KYC की प्रक्रिया इसके बिना पूरी की हुई थी उन्हें पहले इससे गुजरना पड़ेगा। इसके लिए आपको अथॉरिटी के पास जाना होगा जो इस बात का सत्यापन करेंगे कि, जो निवेश करने जा रहा है, क्या वे उस व्यक्ति को जानते हैं या नहीं। तो बजाये इसके कि अगले अवसर का इंतजार करें, निवेशकों को सबसे पहले अपने रिकॉर्ड अपडेशन सुनिश्चित कर लेना चाहिए उसके बाद वह आगे की प्रक्रिया को पूरा करें।