नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने आपके आधार डेटा को सुरक्षित बनाने के लिए नया कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों से आधार डेटा और पर्सनल फाइनेशियल डिटेल्स को एनक्रिप्ट करने (अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए सूचना या डेटा को कोड में कन्वर्ट करना) को कहा है। साथ ही, सरकारी दफ्तरों में एक अधिकारी आधार डेटा प्रोटेक्शन के लिए जवाबदेह बना रहेगा। आपको बता दें कि हाल में इस तरह की खबरें आई थीं कि 13 करोड़ आधार कार्डहोल्डर्स के डेटा सरकारी वेबसाइट्स से लीक हो चुके हैं। इसके बाद सरकार की तरफ से यह पहल की गई है। यह भी पढ़े:SMS के जरिए ऐसे PAN कार्ड के साथ आधार को करें लिंक, आयकर विभाग ने शुरू की नई सर्विस
डेटा की सुरक्षा के लिए नियुक्त होगा अधिकारी
अंग्रेजी बिजनेस न्यूजपेपर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक सरकारी अधिकारियों को डेटा लीक के कानूनी खतरों के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही, अब हर सरकारी डिपार्टमेंट में एक अधिकारी आधार डेटा प्रोटेक्शन के लिए जवाबदेह बना दिया गया है। आईटी मंत्रालय ने सभी डिपार्टमेंट्स को बेहतर डेटा सिक्यॉरिटी के लिए लेटर लिखा है। यह भी पढ़े: आधार के बिना अब नहीं मिलेगा सिम कार्ड, ब्रॉडबैंड कनेक्शन और लैंडलाइन फोन, TRAI ने जारी किए दिशानिर्देश
सभी मंत्रालयों के लिए शुरू की नई कार्रवाई
ईटी को एक अधिकारियों ने बताया कि सभी मंत्रालय से तत्काल उनकी वेबसाइट पर कॉन्टेंट को चेक करने के लिए कहा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उस पर पर्सनल डेटा तो नहीं दिया गया है। डेटा हैंडलिंग के 27 पॉइंट्स जारी किए गए हैं। यह भी पढ़े: रेल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग में मिलेगा COD का भी विकल्प, IRCTC टिकट घर पहुंचा कर लेगी पैसे
आईटी मिनिस्ट्री ने सभी मंत्रालयों को लिखा लेटर
आईटी मिनिस्ट्री ने एक लेटर अन्य मंत्रालयों में भेजा है। इसमें सरकारी दफ्तरों को 9 चीजों से बचने की सलाह दी है। इनमें आधार डेटा और बैंक डिटेल्स को छिपाने और डेटा को एनक्रिप्ट करने की सलाह भी शामिल है। सरकार ने पर्सनल डेटा की सेफ्टी के लिए नियमित ऑडिट करने की भी बात कही है। मिनिस्ट्री के लेटर में लिखा है, इस तरह के मामले सामने आए हैं, जिनमें मंत्रालयों, डिपार्टमेंट्स की तरफ से कल्याणकारी योजनाओं के लिए जुटाए गए पर्सनल डेटा लीक हुए हैं। नागरिकों की पहचान, उनके आधार नंबर, उनकी उम्र और दूसरे सेंसिटिव डेटा लीक हुए हैं। यह भी पढ़े: UMANG दिलाएगा सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति, घर बैठे हो जाएंगे 200 से अधिक काम
डेटा लीक होने पर मिलेगी कड़ी सजा
लेटर में डेटा लीक मामलों में कानूनी जवाबदेही के बारे में बताया गया है। इसके अलावा सरकारी डिपार्टमेंट्स को भविष्य में डेटा लीक से बचने की वॉर्निंग दी गई है। इसमें लिखा है, आधार नंबर का लीक होना आधार कानून, 2016 के प्रावधानों के खिलाफ है। इस मामले में 3 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, फाइनेशियल डेटा का ऑनलाइन पब्लिकेशन आईटी एक्ट, 2000 के खिलाफ है। इसमें भी प्रभावित शख्स मुआवजे की मांग कर सकता है। यह भी पढे़: जल्द ही हवाई यात्रा के लिए आधार हो सकता है जरूरी, सरकार कर रही है तैयारी