नई दिल्ली। सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने देश भर में छोटे कस्बों में बिजनेस प्रॉसेस आउटसोर्सिंग (BPO) यानी कॉल सेंटर यूनिट्स के लिए लगभग 9000 सीटों को मंजूरी दे दी गई है। आईटी व विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक बीपीओ कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि बेंगलुरु की मेरी यात्रा के दौरान पूर्वोत्तर, बिहार व अन्य जगहों के लोगों से इस बारे में आग्रह किया था ताकि वे अपने गृह कस्बों से ही काम कर सकें। मुझे खुशी है कि छोटे कस्बों में बीपीओ स्थापित होने से लोगों को अपना पैतृक स्थल छोड़कर जाने की जरूरत नहीं रहेगी।’
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क्या हैं स्कीम में खास
- इंडिया बीपीओ स्कीम (आईबीपीएस) की खास बात यह है कि सरकार बीपीओ खोलने में होने वाले इन्वेस्टमेंट का 50 फीसदी तक अमाउंट खुद दे रही है।
- ऐसे में कम पैसे में आपके लिए बीपीओ खोल कर लाखों कमाने का मौका है। इस स्कीम के तहत कुल 48,300 नई जॉब्स पैदा होंगी।
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बीपीओ से अपने शहर में मिलेगा कामः प्रसाद
आईटी और लॉ मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की ग्लोबल बीपीओ इंडस्ट्री में 38 फीसदी हिस्सेदारी है और यह सेक्टर ग्रोथ के लिए तैयार है। प्रसाद ने कहा, ‘मुझे भारतीय भाषाओं में बीपीओ सेक्टर में खासी संभावनाएं नजर आती हैं।’
पैदा होंगे 48 हजार नई जॉब्स के मौके
- आईबीपीएस पर सरकार करीब 493 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- इस स्कीम से विभिन्न राज्यों में 48,300 बीपीओ जॉब्स क्रिएट होंगी।
- आईबीपीएस स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने 2011 की जनगणना को पैमाना माना है।
- इस आधार पर विभिन्न राज्यों में 48,300 बीपीओ जॉब्स तय की गई हैं।
- जॉब्स के इस बंटवारे में बीपीओ सर्विस के मौजूदा सेंटर्स को बाहर रखा गया है।
- बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर (गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे जैसे शहरों को संबंधित राज्य की पॉपुलेशन से घटा कर कैलकुलेट किया गया है।
- इस स्कीम के तहत किसी भी राज्य के लिए न्यूनतम सीटों की संख्या 100 निर्धारित की गई है।
बीपीओ के लिए सरकार ने मांगे आवेदन
- इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत सरकार छोटे शहरों में बीपीओ खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहती है।
- जिसके तहत दूसरे राउंड में 37 हजार सीट्स के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
- जिनके जरिए करीब एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
- सरकार बीपीओ खोलने के लिए कई तरह के इन्सेंटिव दे रही है।
- जिसके जरिए कम इन्वेस्टमेंट कर आप बीपीओ खोल सकते हैं।
- पहले राउंड में 11 हजार सीट का आवंटन किया जा चुका है।
एक सीट पर सरकार करेगी एक लाख रुपए तक का सपोर्ट
- स्कीम के तहत शुरूआत में बीपीओ सेट अप करने के लिए सरकार कुल खर्च का अधिकतम 50 फीसदी तक इन्वेस्टमेंट सपोर्ट देगी।
- जिसमें अधिकतम एक सीट 1 लाख रुपए का सपोर्ट मिल सकता है।
- अगर आप 100 सीट वाला बीपीओ खोलना चाहते हैं, तो उस पर एक करोड़ रुपए तक का इन्वेस्टमेंट सपोर्ट सरकार के तरफ से मिल जाएगा।
महिलाओं नौकरी पर मिलेगा ज्यादा फायदा
- स्कीम के तहत अगर आप बीपीओ में अपने कुल कर्मचारियों में 50 फीसदी से ज्यादा महिला कर्मचारी रखते हैं, तो उस पर 5 फीसदी का एक्स्ट्रा सपोर्ट भी मिलेगा।
- इसी तरह अगर कुल कर्मचारी में 4 फीसदी या उससे ज्यादा विकलांग कर्मचारी होते हैं, तो 2 फीसदी का एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलेगा।
सरकार देगी इन्सेंटिव
- स्कीम के तहत अगर आप कोई बीपीओ खोलते हैं, जिसमें 50 सीट है।
- उसके लिए अगर आप 100 कर्मचारी रखते हैं, तो 5 फीसदी का एक्सट्रा सपोर्ट मिलता है।
- इसी तरह अगर 125 कर्मचारी होते हैं, तो 7.5 फीसदी और 150 कर्मचारी होते हैं, तो 10 फीसदी तक सपोर्ट मिलेगा।
- सीट की तुलना में दो से तीन गुना कर्मचारी होने पर 5 से 10 फीसदी तक एक्सट्रा सपोर्ट मिलेगा।
- सरकार ने तीन शिफ्ट के आधार पर तीन गुना कर्मचारी का स्टैण्डर्ड बनाया है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अनुसार दूसरे राउंड की बिडिंग में 26 राज्यों की 37 हजार सीट्स को रखा गया है। जिसके लिए आपके के पास 20 सितंबर 2016 तक बिड करने का मौका है।
आवेदन कौन कर सकता है
- स्कीम के लिए कंपनी एक्ट-1956 या नए कंपनी कानून 2013 के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां आवेदन की पात्र होंगी।
- इसके अलावा कंपनी का पिछले तीन साल में कम से कम प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपए का टर्नओवर करना जरूरी होगा।
- साथ ही कोई व्यक्ति किसी ऐसी कंपनी के साथ कनशोर्शियम बनाकर भी आवेदन कर सकेगा। जो कि 5 करोड़ टर्नओवर की शर्त पूरी करती है।
- कनशोर्शियम में उस कंपनी को कम से अगले तीन साल के लिए 26 फीसदी हिस्सेदारी रखनी अनिवार्य होगी।
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राज्य | खाली सीट |
---|---|
उत्तर प्रदेश | 6615 |
पश्चिम बंगाल | 3300 |
मध्य प्रदेश | 3100 |
राजस्थान | 3000 |
बिहार | 2865 |
गुजरात | 2700 |
तमिलनाडु | 2100 |
कर्नाटक | 1900 |
महाराष्ट्र | 1500 |
केरल | 1300 |
आंध्र प्रदेश | 1250 |
पंजाब | 1200 |
तेलंगाना | 1200 |
उड़ीसा | 1150 |
झारखंड | 1000 |
हरियाणा | 1000 |
छत्तीसगढ़ | 700 |
उत्तराखंड | 350 |
जम्मू एवं कश्मीर | 250 |
हिमाचल प्रदेश | 150 |
गोवा, अंडमान एवं निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव,लक्षद्वीप, पुडुचेरी | 100 (सभी राज्यों में) |