लखनऊ. उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल लगभग पक कर तैयार खड़ी है। कई स्थानों पर किसानों ने फसल की कटाई लगभग शुरू कर दी है। गेहूं की फसल मार्केट में पहुंचे, इससे पहले योगी सरकार ने किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों से रबी फसल की खरीद के लिए नीति बनाई है। गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)1,975 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर होगी। सरकार के इस कदम को आंदोलनकारी किसानों को दिलासा दिलाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यूपी सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, "फसल की खरीद तब तक की जाएगी, जब तक किसान अपनी फसल को बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर पहुंचते रहेंगे।"
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खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा है कि गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से 15 जून तक की जाएगी। क्रय केंद्र रविवार और अन्य छुट्टियों को छोड़कर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक संचालित रहेंगे। स्थानीय परिस्थियों को देखते हुए क्रय केंद्रों को जिलाधिकारियों की निगरानी में संचालित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में गेहूं के खरीद का लक्ष्य 55 लाख मैट्रिक टन था, हालांकि अप्रैल और जून के महीने में कोरोना की वजह से वास्तविक खरीद 35.76 लाख ही रही।
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फसल की खरीदारी 6000 क्रय केंद्रों के जरिये की जाएगी, जिनमें अधिकतम 3500 क्रय केंद्र प्रादेशिक कोऑपरेटिव फेडरेशन द्वारा संचालित किए जाएंगे। नागरिक आपूर्ति विभाग की मार्केटिंग विंग 1100 क्रय केंद्र स्थापित करेगी, जबकि खाद्य और आवश्यक वस्तुओं के सहयेग के लिए उपभोक्ता सहकारी संस्था 250 केंद्रों को संचालन करेगी। वहीं भारतीय खाद्य निगम 150 केंद्रों का संचालन करेगा। यह क्रय केंद्र अलग-अलग तहसीलों और ब्लॉकों में सहकारी समितियों के भवन, मंडी परिसर केंद्र, पंचायत भवन, ग्रामीण बुनियादी ढांचा केंद्रों, बीज विक्रय केंद्रों मे स्थापित किए जाएंगे। (IANS)